भोपाल. सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (Agriculture and Farmers Welfare Department) में इन दिनों विभाग के कर्ताधर्ता यानि कृषि मंत्री कमल पटेल (Kamal Patel) की एक जिले पर खास मेहरबानी चर्चा का विषय बनी हुई है। मंत्री जी की विशेष मेहरबानी वाला यह जिला होशंगाबाद (Hoshangabad) है। दालों की खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की टारगेटिंग राइस फेलो एरिया यानि टरफा योजना (TRFA Scheme) पर अमल के लिए प्रदेश को मिले 25 करोड़ 23 लाख में से 59 फीसदी राशि यानि 15 करोड़ 3 लाख रुपये नियमों को दरकिनार कर अकेले होशंगाबाद को दे दी गई है। जबकि यह जिला प्रदेश में न तो धान के रकबे (Paddy) में नंबर वन पर है और न ही इसकी पैदावार में। दरअसल जिन जिलों का हिस्सा मारकर होशंगाबाद के लिए ज्यादा खजाना खोला गया है वे आदिवासी किसान (Tribe Farmers) बाहुल्य हैं। समाज के वही आदिवासी जिनके सामाजिक-आर्थिक विकास लिए इन दिनों BJP और उसकी सरकार खास ध्यान देने का दावा कर रही है। लेकिन सरकार के कृषि मंत्री अपनों पर मेहरबानी के लिए आदिवासी किसानों का हक मार रहे हैं।
कृषि मंत्री की मनमानी: आदिवासी जिलों का हक मारकर होशंगाबाद को दिया स्कीम का 59% पैसा
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