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चंडीगढ़. पंजाब में जारी घमासान के बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने 29 सितंबर को एक वीडियो संदेश जारी किया। 28 सितंबर को पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष (PCC Chief) पद से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू का ये पहला बड़ा बयान है। सिद्धू का कहना है कि वे अपने मुद्दों से समझौता नहीं कर सकते। हक और सच की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
सिद्धू ने आगे ये भी कहा, ‘प्यारे पंजाबियों, 17 साल का राजनीतिक सफर एक मकसद के साथ किया। पंजाब के लोगों की जिंदगी को बेहतर करना और मुद्दों की राजनीति करना, यही मेरा धर्म था और यही मेरा फर्ज है, मैंने कोई निजी लड़ाई नहीं लड़ी। मेरी लड़ाई मुद्दों की है, पंजाब का अपना एक एजेंडा है। इस एजेंडे के साथ मैं अपने हक-सच की लड़ाई लड़ता रहा हूं, इसके लिए कोई समझौता है ही नहीं।’
‘मेरे पिता ने एक ही बात सिखाई है, जहां भी मुश्किल हो तो सच की लड़ाई लड़ो। जब भी मैं देखता हूं कि सच के साथ समझौता हो रहा है, जब मैं देखता हूं कि जिन्होंने कुछ वक्त पहले बादल सरकार को क्लीन चिट दी, बच्चों पर गोलियां चलाईं, उन्हें ही इंसाफ की जिम्मेदारी दी। जिन्होंने खुलकर बेल दी है, वो एडवोकेट जनरल (महाधिवक्ता) हैं।’
अपने वीडियो संदेश में सिद्धू ने ये भी कहा, ‘मैं ना ही हाईकमान को गुमराह कर सकता हूं और ना ही गुमराह होने दे सकता हूं। पंजाब के लोगों के लिए मैं किसी भी चीज की कुर्बानी दूंगा, लेकिन अपने सिद्धातों पर लड़ूंगा। दागी नेता, दागी अफसरों की वापसी कर वही सिस्टम खड़ा नहीं किया जा सकता। उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है।’