CHHINDWARA.#MoodOfMadhyaPradesh #KaunBanegaMahapour पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ (KamalNath) के गढ़ में बीजेपी (BJP) ने अपने समर्पित नेताओं को दरकिनार कर नगर निगम छिंदवाड़ा (chhindwara) में सहायक आयुक्त (assistant commissioner) रहे अनंत धुर्वे को महापौर प्रत्याशी (Mayor Candidate) बनाया है। जबकि कांग्रेस (Congress) ने महापौर पद के लिए युवा चेहरे विक्रम अहाके (Vikram Ahake) पर दांव लगाया है। अमरवाड़ा ब्लॉक के रहने वाले विक्रम आहके 32 साल के हैं। वे पार्टी में एनएसयूआई से लेकर युवक कांग्रेस में कई जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं।
अनंत धुर्वे-बीजेपी
धुर्वे ने नगर पालिका में दैनिक वेतन भोगी के रुप में 300 रूपए प्रतिमाह पर नौकरी शुरु की थी। उनके पिता अमरलाल धुर्वे नगर पालिका में बाबू थे। उनके निधन के बाद अनंत को अनुकंपा नियुक्ति मिली ओर वे पदोन्नत होते होते सहायक आयुक्त बन गए। अनंत अगले साल रिटायर होने वाले थे, इसी बीच बीजेपी ने उन्हें महापौर का टिकट दे दिया। अनंत सरकारी नौकरी से वीआरएस लेकर चुनाव मैदान में उतरे हैं। अनंत सहज और सरल स्वभाव के हैं। उनकी आदिवासियों में खासी पैठ बताई जा रही है। निगम में लंबे समय से नौकरी करने के कारण उनका स्थानीय लोगों में काफी दखल है। अनंत के उम्मीदवार बनने पर बीजेपी में अंदरुनी विरोध शुरु हो गया है। अनंत धुर्वे आदिवासी विकासखंड बिछुआ के मोया के रहने वाले है। उनकी भजन मंडली में खास रुचि है ।
ताकतः अनंत धुर्वे सहज, सरल स्वभाव और मिलनसार व्यक्ति माने जाते है। जिससे वह लोगों से सीधे जुड़े रहते हैं। इसके साथ ही आदिवासियों में खासी पैठ मानी जाती है। समाज में संपर्क अच्छा है। धार्मिक रुचि भी रखते हैं।
चुनौतीः धुर्वे को टिकट दिए जाने से बीजेपी के कई नेता नाराज हैं। ऐसे में पार्टी नेताओं का समर्थन हासिल करना चुनौती से कम नहीं होगा।
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विक्रम अहाके- कांग्रेस
कांग्रेस ने इस बार महापौर पद के लिए युवा चेहरे विक्रम अहाके पर दांव लगाया है। अमरवाड़ा ब्लॉक के रहने वाले विक्रम आहके 32 साल के हैं। एनएसयूआई से लेकर युवक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद पर रहे हैं और वर्तमान में आदिवासी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं। विक्रम पढ़े- लिखे होने के साथ सहज और सरल व्यवहार के हैं। अमरवाड़ा के पास राजखो गांव के रहने वाले हैं। कमलनाथ के सर्वे में सबसे ऊपर नाम आने पर जितेन्द्र को उम्मीदवार बनाया गया है।
ताकतः युवाओ में चर्चित। एनएसयूआई से लेकर युवा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद रहने से युवाओ में अच्छी पकड़ मानी जाती है। सरल सहज के माने जाते है।
चुनौतीः अहाके के उम्मीदवार घोषित होने के बाद कांग्रेस में स्थानीय बनाम बहारी का विवाद शुरु हो गया है। अहाके को उम्मीदवार बनाए जाने से कांग्रेस के दूसरी पंक्ति के नेता नाराज हैं। ऐसे में अहाके को अंदरुनी मनमुटाव को दूर करना चुनौती भरा होगा।