आज आपको दो जांबाजों के अदम्य हौसले की कहानी सुना रहा हूं। जीवटता की ये कहानी 70 साल पुरानी है। आज भी हम लोग बातों में एक चीज कह देते हैं कि अरे यार, हिमालय (Himalaya) पे चढ़ने का थोड़ी बोल रहे हैं। यानी हिमालय चढ़ने के लिए जज्बे के साथ नसों में लोहा भरा होना चाहिए। कल 29 मई है। आज से ठीक 70 साल पहले दो लोगों ने हिमालय की उस सबसे ऊंची चोटी को छोटा बना दिया था। उन दो लोगों ने बता दिया था कि हिम्मत किसी भी ऊंचाई को लांघ सकती है। 29 मई 1953 को नेपाल के तेनजिंग नॉर्गे और न्यूजीलैंड (Zealand) के एडमंड हिलेरी (Edmund Hillary) ने पहली बार माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) फतेह किया था। आज इसी की कहानी सुना रहा हूं, कहानी का नाम है- किसने खिलाई हिमालय को मिठाई और राधानाथ की कैलकुलेशन।