प्रकाशचंद्र सेठी एक तुनक मिजाज सीएम: फोन नहीं लगा तो गुस्से में पिस्टल लेकर पहुंच गए टेलीफोन एक्सचेंज

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प्रकाशचंद्र सेठी एक तुनक मिजाज सीएम: फोन नहीं लगा तो गुस्से में पिस्टल लेकर पहुंच गए टेलीफोन एक्सचेंज

1971 में लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस को उम्मीद से कम सीटें मिलीं। इसकी वजह तत्कालीन मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल को माना गया। शुक्ल के खिलाफ माहौल बनता देख द्वारका प्रसाद मिश्र ने उन्हें कुर्सी से हटाने की कवायद शुरु कर दी। श्यामाचरण शुक्ल को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा। उनके हटते ही मुख्यमंत्री बनने के लिए मिश्र समेत कई नेताओं में जोर आजमाइश हुई लेकिन रेस में बाजी मार ले गए प्रकाश चंद्र सेठी।कारण स्पष्ट था वे इंदिरा गांधी की पसंद थे। वे सेठी को दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाकर मप्र इसलिए भेजना चाहती थी ताकि प्रदेश में कांग्रेस हाईकमान का पूरा नियंत्रण रहे और राज्य में संतुलन और समन्वय बना रहे। इसी समीकरण से सेठी को 1972 में दोबारा मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। इससे पहले वे 1972 में ही एक छोटे कार्यकाल के रूप में मुख्यमंत्री रह चुके थे। मप्र के मुख्यमंत्री के अलावा उन्होंने केंद्र सरकार में उप मंत्री, राज्य मंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। सेठी अलग ही प्रवृत्ति के राजनेता थे। उनकी पहचान मुख्यमंत्री के रूप में एक स्वच्छ प्रशासक और सनकी नेता के रूप में भी की जाती थी। लेकिन असल में ऊपर से सख्त अंदर से नरमदिल नेता थे। इसके चलते वे अपने राजनीतिक विरोधियों का भी भला करने से पीछे नहीं हटते थे। बताया जाता है कि उन्हें जन्म से ही डायबिटीज थी। इस बीमारी के कारण काम की अधिकता के चलते तनाव बढ़ने पर उनका मानसिक संतुलन बिगड़ जाया करता था। इसी फेर में वे कई बार ऐसा कुछ अजीबो-गरीब कर और कह जाते थे जो उनकी सनकपन के रूप में सुर्खियों में आ जाता था। आइए नजर डालते हैं उनसे जुड़े कुछ अजब और गजब किस्सों पर।

फोन नहीं लगा तो पिस्टल लेकर एक्सचेंज में घुसे गृहमंत्री

देश भर में चर्चा का विषय बना ये किस्सा उस समय का है जब वे केंद्र में गृह मंत्री थे। एक रात दिल्ली में उन्हें किसी से फोन पर बेहद जरूरी बात करनी थी। लेकिन कई बार प्रयास करने के बाद भी संबंधित व्यक्ति का फोन नहीं लगा। इससे वे इतने नाराज हो गए कि वे अपनी पिस्टल लेकर दिल्ली के टेलीफोन एक्सचेंज में घुस गए और वहां मौजूद कर्मचारियों पर जमकर बरसे।

पजामा भूले सीएम, सरकारी हवाई जहाज भेजकर बुलाया

मुख्यमंत्री के रूप में पीसी सेठी आवागमन के लिए ज्यादातर सरकारी हवाई से ही सफर करना पसंद करते थे। एक बार वे गुलामनबी आजाद की शादी में शिरकत करने के लिए कश्मीर गए। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उन्हें शादी में शामिल होने के बाद उसी दिन वापस लौटना था लेकिन किसी कारण से उन्हें वहीं रुकना पड़ा। अचानक उन्हें याद आया कि वे साथ में अपना पजामा लाना भूल गए हैं। बस फिर क्या था उन्होंने रात में ही हवाई जहाज को पजामा लाने के लिए कश्मीर से भोपाल भेज दिया। कुछ ही घंटों में हवाई जहाज उनका पजामा लेकर भोपाल से वापस श्रीनगर के हवाई अड्डे पर उतरा।

सीएम की कार को साइड नहीं दी तो कांग्रेस नेताओं को थाने में बिठाया

एक बार की बात है मुख्यमंत्री पीसी सेठी भोपाल से इंदौर जा रहे थे। सोनकच्छ के पास सेठी की गाड़ी को आगे निकलना था। सेठी के ड्राइवर ने आगे चल रही गाड़ी को डिपर देकर साईड देने का इशारा किया। जीप के ड्राइवर ने उसके इशारे को नजरअंदाज कर दिया और अपनी ही धुन में गाड़ी चलाता रहा।सेठी को यह बहुत नागवार गुजरा और उन्हें काफी गुस्सा भी आया। किसी तरह उन्होने अपने ड्राइवर से कहकर गाड़ी को आगे करवाया और साईड न देने वाली जीप को रोक दिया। उतरते ही अपने हाथ में डंडा लहराते हुये वे जीप सवार लोगों पर जमकर नाराज हुए। जब उन्हें पता चला कि जीप में बैठे हुए लोग दुर्ग के कांग्रेसी नेता हैं तो उनका गुस्सा और बढ़ गया। उन्होंने दुर्ग के नेताओं की जीप को सोनकच्छ थाने में खड़ा करवा दिया। सभी लोगों को 24 घंटे वहीं जीप में बैठाये रखा। जब दुर्ग के कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा को इस मामले की जानकारी लगी तो उन्होंने बीच में दखल देकर सभी को थाने से छुड़वाया।

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