सामवेद संगीत का सबसे प्राचीन ग्रंथ, हमारे देवी-देवताओं के पास अपना वाद्य, कई घराने, कई राग, दुनियाभर में हमारे संगीत की धूम

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
सामवेद संगीत का सबसे प्राचीन ग्रंथ, हमारे देवी-देवताओं के पास अपना वाद्य, कई घराने, कई राग, दुनियाभर में हमारे संगीत की धूम

सामवेद संगीत का सबसे प्राचीन ग्रंथ, हमारे देवी-देवताओं के पास अपना वाद्य, कई घराने, कई राग, दुनियाभर में हमारे संगीत की धूम

जब ब्रह्मांड प्रकट नहीं हुआ था, तब नाद रूप में संगीत था। यानी जब धरती पर कुछ नहीं था, तब से भारतीय संस्कृति का अस्तित्व माना जाता है। हमारी धरती पर वायुमंडल था यानी जीवन था। और यदि जीवन था तो जीवन बिना ध्वनि के नहीं हो सकता। इस ध्वनि में ही तो संगीत था।

भारतीय संगीत की उत्पत्ति वैदिक काल में हुई थी। सामवेद संगीत का सबसे प्राचीन ग्रंथ माना जाता है। कृष्ण कहते हैं कि वेदों में मैं साम हूं। सामवेद उन वैदिक ऋचाओं का संग्रह है, जो गेय हैं यानी जिन्हें गाया जा सकता है। सामवेद के आधार पर भरत मुनि ने नाट्यशास्त्र लिखा और बाद में संगीत रत्नाकर, अभिनव राग मंजरी लिखा गया। दुनियाभर के संगीत के ग्रंथ सामवेद से प्रेरित हैं।|