क्या आपने भारतीय हवाई जहाजों में सफर करते हुए कभी गौर किया है कि उनके पंखों (WINGS) और बॉडी पर लिखे दो अक्षरों 'वीटी' (VT) का क्या अर्थ है? यदि आप इन दो शब्दों का अर्थ गूगल (google) पर सर्च करेंगे तो वो आपको इसके लाखों विकल्प सुझाएगा। आइए आपको बताते हैं कि इसका असल अर्थ क्या है और क्यों यह हमारे देश के हर एयरक्राफ्ट पर लिखा नजर आता है। चाहे वो निजी हो, एविएशन कंपनी का हो या सरकारी।
VT का अर्थ है वॉयसराय टेरेटरी
हो सकता है कि आप में से कई लोगों इसका अर्थ पसंद नहीं आए या जानकर अफसोस हो। दरअसल हरेक भारतीय विमान पर आप जो अक्षर 'VT' देखते हैं, उसका अर्थ है 'वॉयसराय टेरेटरी ' (Viceroy Territory) यानी वॉयसराय का क्षेत्र। जो भारत पर ब्रिटिश राज की पहचान से जुड़ा है।
अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन ( ICAO) के नियमों के अनुसार, प्रत्येक हवाई जहाज का देश में रजिस्ट्रेशन जरूरी होता है। उसे एक रजिस्ट्रेशन नंबर अलॉट किया जाता है। जिसमें उस देश कोड के रूप में दो अक्षर होते हैं। उसके बाद उसके मालिकों या कैरियर की पहचान से जुड़े तीन अंक होते हैं। जैसे भारतीय विमान के मामले में VT-123। भारत को VT कोड ICAO से 1929 में मिला था। उस समय भारत पर अंग्रेजों का राज था। तब वीए (VA) से वीजेड (VZ) की श्रृंखला ब्रिटिश राज के अधीन देशों में पंजीकृत विमानों के लिए तय की गई थी।
संसद में लंबे समय से उठा रहा है VT कोड बदलने का मुद्दा
देश की आजादी के इतने सालों बाद भी हमारे देश के हवाई जहाजों की पहचान और रजिस्ट्रेशन के लिए वीटी शब्द के उपयोग को लेकर लंबे समय से तीखे सवाल खड़े किए जा रहे हैं। यह मुद्दा समय-समय पर लगातार संसद में भी उठाया जा चुका है कि आखिर हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी के इस प्रतीक को अब तय क्यों ढो रहा है। इसे तत्काल बदला जाना चाहिए।
ICAO नहीं मिल रहे पसंद के कोड
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले एक दशक में वीटी कोड को बदलवाने के कई प्रयास किए हैं। उसने वीटी के स्थान पर इंडिया के रूप में आईएन, भारत के लिए बीएच और हिंदुस्तान के रूप में एचआई कोड हासिल करने का प्रयास किया लेकिन ICAO के पास इनमें से कोई भी कोड उपलब्ध नहीं है। उसके पास फिलहाल वैकल्पिक कोड के लिए एक्स या वी ही उपलब्ध है।
इन देशों ने बदले अपने हवाई जहाज के कोड
ब्रिटिश राज से आजाद होने के बाद पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और फिजी जैसे कई देशों ने अपने विमानों के रजिस्ट्रेशन के लिए कोड बदल दिए। लेकिन भारत ने वीटी कोड का बरकरार रखने का फैसला किया। पाकिस्तान ने आजादी के बाद नए आवंटित कोड एपीए-एएसजेड के बजाय 'एपी' को अपनाया। श्रीलंका, नेपाल, भूटान और फिजी ने क्रमशः 4R, 9N, A5 और DQ का कोड चुना।
सरकार का तर्क नए सिरे से करनी होगी प्रकिया
पिछली 29 जुलाई को ही यह मुद्दा एक बार फिर संसद में उठा। सरकार ने संसद को सूचित किया कि भारतीय हवाई जहाजों का VT बदलने के लिए एयरलाइंस को बड़ा आर्थिक बोझ पड़ेगा। इसके लिए सभी विमानों को नए रजिस्ट्रेशन कोड के साथ फिर से कलर करने के लिए जमीन पर उतरना पड़ेगा। इससे पहले लोकसभा में भाजपा सांसद हरीश द्विवेदी के एक सवाल के जवाब में पूर्व नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा, "अगर हम VT कोड बदलते हैं, तो हमारे विमानों के रजिस्टेशन से जुड़े सभी दस्तावेजों को नए सिरे से जारी करना होगा। सभी विमान तब तक आसमान में नहीं उड़ पाएंगे जब तक कि उनके कोड के नए चिन्ह नहीं बदल जाते।
भारत को शिकागो सम्मेलन में मिला कोड चुनने का विकल्प
वीके सिंह ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) ने भारत को कॉल संकेतों की तीन श्रृंखलाएं - ATA-AWZ, VTA-VWZ और 8TA-8YZ आवंटित की हैं। कॉल साइन श्रृंखला के पहले एक या दो अक्षर हो सकते हैं, जैसे सीरीज 1 के तहत - A, AW, AV, AU, AT आदि। सीरीज 2 के तहत - V, VW, VV, VU, VT आदि। श्रृंखला 3 के तहत - 8, 8T, 8U, 8V, 8W, 8X, 8Y आदि। ICAO के 1944 में शिकागो कन्वेंशन के अनुबंध-7 के प्रावधानों के अनुसार, भारत के पास देश में पंजीकृत विमानों के लिए उपरोक्त तीन श्रृंखलाओं में से अपना कॉल साइन (कोड) चुनने का विकल्प था।