BHOPAL.मध्यप्रदेश में चीता प्रोजेक्ट के तहत कूनो नेशनल पार्क में चीतों का कुनबा बढ़ने जा रहा है। देश में विलुप्त हो चुके चीतों को वापस बसाने की मुहिम के तहत इस बार 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाया जा रहा है। जिस विशेष विमान से चीतों को लाया जा रहा है उस विमान ने आज (16 फरवरी) सुबह हिंडन एयरबेस से उड़ान भरी, जो 18 फरवरी को ग्वालियर पहुंचेंगे।
पिछले साल पीएम मोदी ने जन्म दिन पर आए थे 8 चीते
पीएम नरेंद्र मोदी ने विलुप्त हो चुके चीतों को देश में वापस बसाने की मुहिम की शुरुआत की थी। पीएम ने अपने जन्म दिन 17 सितंबर को नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। इसी मुहिम के तहत 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से आ रहे 12 चीतों को छोड़ा जाएगा।
पीएम के विजन के दिखने लगे नतीजे
पीएम मोदी ने जन्म दिन के रोज शुरू की मुहिम में एक और नया अध्याय जुड़ने वाला है। केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि देश में वन्य जीवन के इतिहास में नए युग की शुरुआत हुई थी। अब इन चीतों का नए दोस्त मिलने जा रहे हैं। पीएम मोदी के विजन और प्रयासों का नतीजा अब दिखने लगा है।
रवाना हुआ विशेष विमान
प्रोजेक्ट चीता के तहत 18 फरवरी को कूनो नेशनल पार्क में 12 नए चीतों को छोड़ा जाएगा। इस बार सभी 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए जा रहे हैं। इनमें 7 नर चीता हैं, जबकि 5 मादा चीता शामिल हैं। इन 12 चीतों के आने के बाद अब पार्क में चीतों की कुल संख्या 20 हो जाएगी। चीता प्रोजेक्ट के प्रमुख एसपी यादव ने बताया कि इन चीतों को भारत लाने के लिए वायु सेना के विशेष विमान ने आज (16 फरवरी) सुबह हिंडन एयरबेस से उड़ान भरी है।
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कब चीते पहुंचेंगे?
यादव ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका से इन 12 चीतों को लेकर विशेष विमान 18 फरवरी को सुबह 10 बजे ग्वालियर एयर बेस पहुंचेगा। यहां औपचारिकताएं पूरी करने के बाद चीतों को हेलीकॉप्टर से सुबह 11 बजे के करीब कूनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा। हालांकि इस बार इन चीतों की आगवानी करने पीएम मोदी मौजूद नहीं रहेंगे। इस बार चीतों के स्वागत के लिए मध्य प्रदेश के सीएम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई अन्य लोग मौजूद रहेंगे।
पार्क के वातावरण में ढल रहे चीते
यादव के मुताबिक, पिछली बार लाए गए आठों चीते तेजी से स्थानीय वातावरण में ढल रहे हैं, एक को छोड़ कर बचे हुए सभी चीते पूरी तरह स्वस्थ है। शाशा नाम की एक मादा चीता की तबियत थोड़ी ख़राब हुई थी, लेकिन इलाज के बाद अब वो ठीक हो रही है। सभी चीते 3-4 दिनों में एक बार प्राकृतिक तौर पर अपने खाने के लिए शिकार कर रहे हैं जो उनके वातावरण में ढलने का एक बड़ा संकेत है।
हर साल लाए जाएंगे 10-12 चीते
चीता प्रोजेक्ट के प्रमुख यादव ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका से हुए अनुबंध के मुताबिक अगले 10 साल तक हर साल 10 से 12 चीते भारत लाए जाएंगे। सरकार की पहली कोशिश कूनो नेशनल पार्क में 40 से ज्यादा चीज को प्राकृतिक तौर पर बसाना है। इतनी संख्या का आशय अब उस जंगल में चीतों का प्राकृतिक निवास हो गया है।