BHOPAL. होली पर्व आने को है, ऐसे में होली उत्सव की तैयारियां भी शुरू हो गई है। बाजार सजने लगे हैं और उत्सव समितियां पर्व को लेकर एक्टिव हो गई है। ऐसे में रंगो की बात होना लाजमी है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 2005 से राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ (भोपाल) की महिलाएं पालक, हल्दी, चुकंदर, सिंदूर और फूलों के अर्क यानी रस से हर्बल गुलाल बना रही है। यह गुलाल राजधानी के बरखेड़ा पठानी की विंध्य नर्सरी में में तैयार हो रहा है। होली पर इस गुलाल की डिमांड भी खूब होगी, उसी हिसाब से यहां तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसका सबसे बड़ा लाभ यही है कि इसका कोई साइड इफैक्ट नहीं है।
यह है इस गुलाल की खासियत
खुशबू युक्त यह गुलाल यदि गलती से आपकी आंखों और मुंह में चला जाता है तो इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। पेट के अंदर जाने पर भी इस गुलाल से कोई नुकसान नहीं है। यही कारण है कि यह बच्चों के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित है। जबकि बाजार में मिलने वाले रंग और गुलाल के इस्तेमाल से स्किन पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे सिरदर्द, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी शिकायतें होती हैं। विंध्य हर्बल गुलाल से इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होते है।
ऐसे तैयार हो रहा है गुलाल
विंध्य हर्बल गुलाल चार कलर हरा, पीला, नारंगी और लाल रंग में तैयार किया जा रहा है। गुलाल किसी भी कलर का हो, पर उसमें बेस अरारोट के आटे का होता है। फिर इसमें रंग के हिसाब से सिंदूर, पालक, चुकंदर, हल्दी और फूलों के रसों का उपयोग होता है। अरारोट के आटे को एक बड़े बाउल में डालकर उसमें अन्य सामग्री मिक्स करते हैं और फिर उसे सुखाकर मलते हैं। इस बीच उसमें कुछ दाने रह जाते हैं तो फिर उसे मलकर सूखाते हैं। यह प्रक्रिया लगातार तब तक चलती है, जब तक कि पाउडर पूरी तरह से महीन न हो जाए। इसे तैयार करने में किसी तरह की कोई मशीनरी का उपयोग नहीं होता।
कहां और कितने में मिलेगा
विंध्य नर्सरी के प्रभारी केबीएस परिहार ने बताया कि विंध्य हर्बल गुलाल की पैकिंग 50 ग्राम में है, जिसकी कीमत 25 रुपए है। यह लाल, नारंगी, पीले और हरे रंग में प्रदेश की सभी संजीवनी आउटलेट पर उपलब्ध है। इसके अलावा यह विंध्य हर्बल की अन्य फ्रेंचाइजी पर भी आपको मिल सकता है। इस होली सीजन पर 4 क्विंटल से ज्यादा हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है, डिमांड के हिसाब से मात्रा बढ़ाई भी जा सकती है।
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