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E = mc² खोजने वाले आइंस्टीन परिचय के मोहताज नहीं, लव लाइफ भी चर्चा में रही थी; जानें जीभ निकली फोटो का सीक्रेट

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Rahul Garhwal
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E = mc² खोजने वाले आइंस्टीन परिचय के मोहताज नहीं, लव लाइफ भी चर्चा में रही थी; जानें जीभ निकली फोटो का सीक्रेट

BHOPAL. अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) इस नाम के बाद कुछ बोलने की जरूरत नहीं रह जाती। उन्हें विज्ञान, फिजिक्स का पर्याय कह सकते हैं। आइंस्टीन का जन्म 14 फरवरी 1879 को जर्मनी के उल्म शहर में एक यहूदी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम हरमन और मां पाओलीन थीं। बचपन में पढ़ाई में कमजोर थे तो स्कूल से निकाल दिए गए थे। हालांकि, मां ने उन्हें वो कारण कभी बताया ही नहीं कि स्कूल से निकाला गया है। मां ने कहा था कि स्कूल वालों का कहना है कि आपका बच्चा इतना टैलेंटेड है कि उसे पढ़ाने के लिए हमारे पास शिक्षक नहीं हैं।





E = mc²





1921 में आइंस्टीन को फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट के लिए भौतिकी का नोबेल दिया गया। आइंस्टीन E = mc², थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी के लिए भी जाने जाते हैं। कहा जाता है कि जब उन्होंने थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी यानी सापेक्षता का सिद्धांत खोजा था, तब दुनिया के 4-5 लोग ही इसे समझने के काबिल थे। जर्मनी में अडोल्फ हिटलर के यहूदियों पर बढ़ते अत्याचारों के चलते 1933 में आइंस्टीन अमेरिका शिफ्ट हो गए। 18 अप्रैल 1955 को प्रिंसटन में उनका निधन हुआ। आज हम आपको उनकी मशहूर फोटो और लव लाइफ के बारे में बता रहे हैं...





बात आइंस्टीन की फोटो की

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महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की कई तस्वीरें फेमस हुई हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा उस तस्वीर की हुई, जिसमें वे जीभ निकाले नजर आ रहे हैं। ये फोटो कब और कैसे ली गई, इसको लेकर कई बातें कही गई हैं, लेकिन इसकी कहानी कुछ और है। इस तस्वीर का सीधा कनेक्शन अल्बर्ट आइंस्टीन के 72वें जन्मदिन (Albert Einstein Birthday) से है जिसे 14 मार्च, 1951 को मनाया गया था। तब आइंस्टीन न्यू जर्सी के प्रिंसटन में रहते थे और इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी में काम करते थे। 14 मार्च, 1951 में इनके जन्मदिन के मौके पर इसी रिसर्च सेंटर में खास बर्थडे का आयोजन किया गया था। इस रिसर्च सेंटर में आयोजित बर्थडे पार्टी में कई जाने-माने लोग आए थे। मौके पर काफी संख्या में मीडियाकर्मी भी पहुंचे थे। बर्थडे पार्टी के बाद आइंस्टीन जब रिसर्च सेंटर से बाहर निकले तो कई पत्रकारों ने उनसे बात करने की कोशिश की। पत्रकारों के बीच आइंस्टीन काफी पॉपुलर थे, क्योंकि वो बेहद मजाकिया लहजे में कई विषयों पर अपनी बात रखते थे। जन्मदिन के खास तौके पर पत्रकार उनसे बात करना चाहते थे, लेकिन आइंस्टीन उस दिन मीडिया से दूर रहना चाहते थे।





रिसर्च सेंटर से निकलने पर वहां पत्रकारों की भीड़ देखने के बाद आइंस्टीन बचते हुए अपनी लिमोजीन कार में पीछे जाकर बैठ गए। उस सीट पर उनके संस्थान के पूर्व निदेशक फ्रैंक ऐडेलेट भी बैठे थे और दूसरी ओर उनकी पत्नी मैरी थीं। इस मौके को कैप्चर करने के लिए फोटोग्राफर लगातार फोटो खींचने में जुटे थे। पत्रकारों के बार-बार सवाल पूछने पर जब आइंस्टीन ने कोई जवाब नहीं दिया तो एक रिपोर्टर ने चिल्लाकर कहा, बस बहुत हो गया। तभी एक रिपोर्टर ने आवाज लगाई- ‘प्रोफेसर, एक बर्थडे फोटो के लिए मुस्कुराइए प्लीज।’ पत्रकारों से तंग आकर आइंस्टीन ने मजाकिया अंदाज में जीभ निकालकर उन्हें चिढ़ा दिया।





इस तस्वीर को मशहूर फोटोग्राफर आर्थर सैस ने कैमरे में कैद कर लिया। आर्थर सैस की खींची ये फोटो बहुत अलग होने के कारण अमेरिका में काफी चर्चित हुई और धीरे-धीरे दुनियाभर में मशहूर हुई। इस तस्वीर को आइंस्टीन की सबसे यादगार फोटो में गिना गया।

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ग्रेटेस्ट साइंटिस्ट की लव लाइफ





आमतौर पर माना जाता है कि वैज्ञानिक लोग अपने कामों में लगे रहने और हमेशा ही अपनी ही दुनिया में विचरण करने वाले प्राणी होते हैं जिनके लिए हुस्न, इश्क और प्यार जैसी चीजों के लिए बहुत कम समय होता है। संभव है कि वे इन बातों को तुच्छ और महत्वहीन मानते हों, लेकिन शायद आपको पता नहीं होगा कि अल्बर्ट आइंस्टीन जितने महान वैज्ञानिक थे, उतने ही बड़े दिलफेंक आशिक भी थे। ये बात अलग है कि उनके प्रेम-प्रसंगों के बारे में बहुत कम जानकारी ही सामने आ सकी है। वे अपने एक खास किस्म के गंदभीभरे और विचित्र किस्म की ड्रेस और बालों के लिए जाने जाते थे। बालों में कंघी करने की जरूरत उन्हें थी नहीं और अपने शरीर पर बहुत अधिक बड़े कपड़ों में उन्हें देखा जाता था। उनकी एक खूबी ये भी थी कि वे कभी भी मोजे नहीं पहनते थे। वे मोजे पहनने को ही गैर-जरूरी समझते थे। जब कभी वे व्हाइट हाउस जाते थे तो उनके मोजों में छेद होते थे और वे बालों में कंघी नहीं करते थे। वे अपने पाइप या चुरु लिए भी जाने जाते थे।





'पाइप पीने से शांत बना रहता हूं'

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जब वे प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में थे और घर से दफ्तर जाते थे तो उन्हें हमेशा ही धुआं छोड़ते देखा जाता था। जब उनसे तंबाकू पीने के लाभ के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि मैं मानता हूं कि आदमी पाइप पीने से शांत बना रहता है और अपने जीवन के सभी उद्देश्यपरक फैसलों को लेने में सहज होता है। उनकी याददाश्त भी बहुत खराब थी, उन्हें लोगों के ना तो नाम और ना ही फोन नंबर याद रहते थे। यहां तक कि उन्हें खुद का फोन नंबर याद नहीं रहता था। वे अपना ऑटोग्राफ देने के लिए पैसे लेते थे, लेकिन बाद में वे सारा पैसा दान में दे देते थे।





पहला प्यार





वर्ष 1901 में आइंस्टीन अपनी पहली गर्लफ्रेंड मिलेवा मैरिक के साथ इटली में छुट्टियां मना रहे थे। तब मिलेवा एक बच्चे की मां बन चुकी थी और आइंस्टीन के पास इतना भी पैसा नहीं था कि वे पत्नी, बच्चे की भली-भांति देखभाल कर सकें। उनकी ये बच्ची लाइजरल 1902 में पैदा हुई थी, लेकिन आइंस्टीन ने मिलेवा को जब 1903 में जो पत्र लिखे, उनमें बच्ची का जिक्र नहीं है। संभवत: लाल बुखार के कारण बच्ची की मौत हो गई थी। बाद में आइंसटीन ने 1912 में मिलेवा को छोड़ दिया था और 1919 में दोनों का तलाक भी हो गया था।

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6 महिलाओं के साथ प्रेम-प्रसंग





अपनी पहली शादी के दौरान ही आइंस्टीन के कम से कम 6 महिलाओं के साथ प्रेम-प्रसंग थे। इसलिए वे अपनी पत्नी से तलाक चाहते थे। जब मिलेवा ने तलाक देने से इनकार कर दिया तो उन्होंने अपने साथ मिलेवा के लिए शर्तों और नियमों की सूची दी और इस पर पत्नी से हस्ताक्षर करने को कहा। वे चाहते थे कि उनकी पत्नी ये लिखकर दे दे कि वे एक सुखी, विवाहित दम्पति थे। एक ही छत के नीचे साथ रहने के लिए मिलेवा को शर्तें माननी पड़ीं जिनमें दोनों के बीच सेक्स पर पूरी तरह से रोक और घरेलू मामलों में दखलंदाजी ना करना शामिल था।





आइंस्टीन ने अपनी शर्तें इस प्रकार तय की थीं-

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  • तुम यह सुनिश्चित करोगी कि मेरे कपड़े और निजी उपयोग की चीजें साफ, अच्छी हालत में हों। दिन में 3 बार भोजन मुझे मेरे कमरे में दिया जाएगा। मेरा बिस्तर और ऑफिस पूरी तरह से चाक-चौबंद होगा और कमरे की डेस्क केवल मेरे लिए ही उपलब्ध होगी।



  • जब तक सामाजिक कारणों के चलते जरूरी ना हो तब तक तुम्हारे मेरे साथ कोई निजी संबंध नहीं होंगे। तुम घर पर मेरे साथ नहीं बैठोगी। ना ही मेरे साथ बाहर जाओगी या मेरे साथ यात्रा करोगी।


  • मुझसे संबंध बनाए रखने के लिए तुम खुले आम इन बातों का ध्यान रखोगी। ना तो तुम मेरे साथ किसी तरह की करीबी रखोगी और ना ही भला-बुरा कहोगी। जब भी मैं तुमसे कहूंगा तुम तुरंत ही बात करना बंद कर दोगी। जब मैं तुमसे कहूं तो तुम बिना किसी विरोध के मेरे बिस्तर के कमरे या ऑफिस से बाहर चली जाओगी। साथ ही, मेरे बच्चों के सामने तुम अपमानित करने की कोशिश नहीं करोगी।
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    मैरिक और आइंस्टीन का साथ





    मैरिक और आइंस्टीन करीब 10 सालों तक साथ रहे और इस दौरान आइंस्टीन का करियर खूब फलाफूला। इसी दौरान उन्होंने सापेक्षता का सिद्धांत भी रचा, लेकिन दोनों के बीच संबंध खराब हो गए क्योंकि दूसरी औरतों में दिलचस्पी लेने वाले आइंस्टीन 1912 में अपनी चचेरी बहन एल्सा के मोहपाश में बंध गए। उन्होंने एल्सा से कहा कि मैरिक ईर्ष्‍या और अवसाद से ग्रस्त रहती है।





    दूसरा प्यार





    14 फरवरी 1919 को मैरिक और आइंस्टीन का तलाक हो गया। तलाक के तुरंत बाद आइंस्टीन ने एल्सा से विवाह कर लिया। मातृ पक्ष की ओर से एल्सा पहली और पितृ पक्ष की ओर दूसरी बहन थी। दोनों ने 2 जून 1919 को विवाह कर लिया। एल्सा, अल्बर्ट की दूसरी पत्नी थी और इस शादी से पहले उनका मैक्स लोवेंथाल से विवाह हुआ था, लेकिन अल्बर्ट से विवाह के लिए उन्होंने अपने पहले पति को छोड़ दिया था। पर एल्सा के साथ विवाह के बाद भी अल्बर्ट के और भी कई प्रेम प्रसंग चलते रहे और 1936 में जब उसकी मौत हुई तब भी जीनियस प्लेबॉय का अफेयर चल रहा था।





    तीसरा प्यार





    अल्बर्ट का तीसरा प्यार बेट्टी न्यूमैन नाम की महिला से हुआ। दोनों के बीच 1923 में प्यार हुआ था और बेट्‍टी उनके करीबी मित्र हांस मुहसाम की भतीजी थी। आइंस्टीन ने उसे पारिवारिक जीवन में मिलाने की भरपूर कोशिश की लेकिन वह असफल हुआ और उसने बेट्‍टी को एक असाधारण और मर्मस्पर्शी नोट लिखा, 'जो ‍मैं पृथ्वी पर ना पा सका, उसे अब सितारों में पाने की कोशिश करूंगा।' यह रिश्ता भी 1924 में समाप्त हो गया। उनके कई महिलाओं के साथ संबंध बने रहे, लेकिन 1936 में एल्सा की मौत के बाद उसने फिर से शादी नहीं की।





    आइंस्टीन को पसंद था महिलाओं का साथ





    आइंस्टीन को महिलाओं का साथ बहुत पसंद था और उनकी बौद्धिक क्षमताओं के कारण महिलाएं उससे प्रभावित भी हो जाती थीं। पहले वे ‍बर्लिन में सोशलाइट महिलाओं के बीच लोकप्रिय थे और बाद में अमेरिका में भी रिश्ते बनते रहे। वे रिश्ते बनाते थे, लेकिन जब कोई रिश्ता गहराता तो वे निष्क्रिय हो जाते और इधर-उधर की महिलाओं में दिलचस्पी लेने लगते। चूंकि किसी भी महिला के साथ उनका रिश्ता गहरा नहीं होता था इसलिए उन्हें अपना काम करने के लिए जिस एकांत की जरूरत हो जाती थी, वो मिल जाता, लेकिन उसकी इस आदत को बहुत कम लोग ही पसंद करते थे।





    आइंस्टीन को अपनी कमजोरी का अहसास





    अपने विवाहेत्तर संबंधों को लेकर आइंस्टीन एल्सा के साथ बहुत मुखर थे। 1920 के दशक के मध्य में वर्ष 1933 में अमेरिका प्रवास तक जाने के दौरान उनके जीवन में कई महिलाएं रहीं। इस दौरान एक मारग्रेट, एक एस्टेला, दो अन्य महिलाओं टोनी और ईथल के साथ उनके संबंध रहे। इनके साथ वह अपनी छुट्‍टियां बिताते, किताबें पढ़ते और संगीत कार्यक्रमों में भाग लेते। एल्सा को लिखे एक पत्र में उन्होंने लिखा कि महिलाएं उनका पीछा करती थीं और उन पर अवांछित प्यार उड़ेला करती थीं। उन्हें अपनी कमजोरी का अहसास था। इस बारे में प्रो. गटफ्रॉयड का कहना है कि वे किसी भी एक महिला के साथ लम्बे और स्थिर रिश्ता बनाने लायक नहीं था और आइंस्टीन ने इस बात को अपने एक मृत दोस्त के बेटे को लिखा था। आइंस्टीन ने लिखा तुम्हारे पिता की जिस बात की मैं प्रशंसा करता हूं वो ये है कि वे आजीवन एक ही महिला के साथ रहा। ये एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसमें मैं 2 बार पूरी तरह से फेल हुआ हूं। इसलिए अगर कोई आइंस्टीन के प्यार को लेकर कोई बात करता है तो उसका निरंतर और सतत प्यार साइंस था जिससे वो आजीवन जुड़ा रहा।





    चौथा प्रेम संबंध





    मारग्रेट लेबाख उनका चौथा प्यार थीं। 1920 के दशक के मध्य से वर्ष 1933 में अमेरिका प्रवास पर जाने के बीच उनका कई महिलाओं से संबंध रहा। इनमें से मार्गट लेबाख थी जो कि ऑस्ट्रिया की सुनहरे बालों वाली सुंदरी थीं, लेकिन उनके और प्रेम संबंध बनते रहे और वे इन सभी से इश्कबाजी करते रहे।





    पांचवां प्यार





    फूलों का कारोबार करने वाली एक सम्पन्न कारोबारी एस्टेला काजेनेलबोगन और एक सम्पन्न यहूदी विधवा टोनी मेंडल से भी उनके रिश्ते रहे। इनके साथ वे मौज करने के लिए जाते, नाव की सैर करते, किताब पढ़ते और संगीत का लुत्फ उठाते। इस दौरान के पत्र इस बात का भी इशारा करते हैं कि एक ओर टोनी और ईथल नाम की महिलाएं भी उनके साथ रहीं। बर्लिन की एक सोशलाइट और मार्गरेट की मित्र, ईथल मिकानोवस्की, 1920 के दशक के अंतिम वर्षों और 1930 के शुरूआत में उनसे जुड़ी रहीं। अपनी पत्नी एल्सा को लिखे एक पत्र में आइंस्टीन ने लिखा है, श्रीमती एम ने निश्चित रूप से सर्वोत्तम ईसाई-यहूदी आचरण के अनुरूप काम किया।







    • किसी को वही करना चाहिए जिसमें उसे मजा आता हो और जिससे किसी दूसरे को किसी तरह से नुकसान ना पहुंचे।



  • किसी को भी ऐसी चीजों से दूर रहना चाहिए जिसमें किसी को मजा ना आता हो और जिससे दूसरा व्यक्ति परेशान हो।


  • क्योंकि वो मेरे साथ आई और चूंकि उसने तुमसे कोई शब्द भी नहीं कहा। क्या वो निर्दोष नहीं है?






  • आइंस्टीन के दस्तावेजों का अध्ययन करने वाली बारबरा वूल्‍फ का कहना है कि वो अल्बर्ट का पीछा करते हुए इंग्लैंड तक आ गई। वर्ष 1931 में मार्गरेट को लिखे एक पत्र में उसने शिकायत की कि श्रीमती एम (मिकानोवस्की) मेरा पीछा करते इंग्लैंड तक आ गईं, लेकिन उनका मेरा पीछा करना मुझे नियंत्रण से बाहर कर रहा है।





    मार्गरीटा आइंस्‍टीन का अंतिम प्यार





    मार्गरीटा कोकेनकोवा (1895-1980, विवाह पूर्व वोरोन्तसोवा) एक रूसी जासूस थीं जो कि आइंसटीन का अंतिम प्यार साबित हुईं। वर्ष 1965 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी ने एक महान रूसी शिल्पज्ञ सेर्गेई कोनेनकोव को आइंस्टीन की मूर्ति बनाने के लिए भेजा। वे कोकेनकोव के घर में शुरुआती स्केचेज बनाने के लिए बैठते थे, लेकिन जब इन सत्रों के दौरान कोनेनकोव अपनी पत्नी मार्गरीटा कोनेनकोवा के साथ आए तो दोनों में देखते ही प्यार हो गया। इजाकसन ने लिखा है कि मार्गरीटा अपने समय की स्वतंत्र औरत थी। दूर-दूर तक यात्राएं कर चुकी मार्गरीटा मजाकिया इंसान और पेशे से वकील थीं जो बहुत ही स्मार्ट होने के साथ-साथ 5 भाषाएं जानती थी। मार्गरीटा जो कुछ कर रही थीं, उसके पति ने उसे करने दिया और जो अंतत: आइंस्टीन के लिए एक आमंत्रण साबित हुआ। सेर्गेई दिनभर अपने काम में व्यस्त रहता और इजाकसन का कहना है कि मार्गरीटा को तब बड़ा आश्चर्य हुआ तब आइंस्टीन ने उसका न्योता स्वीकार कर लिया।





    मार्गरीटा से पहले हुई आइंस्टीन की मौत





    उस समय मार्गरीटा 46 की थी और अल्बर्ट 63 के और दोनों एक साथ चल पड़े। उनका घर लांग आइलैंड साउंड पर सातुकेट पर किनारे बना था। इसके साथ ही आइंस्टीन का एक और रोमांस शुरू हुआ जो 4 सालों तक चला और तब युद्ध भी समाप्त हो चुका था। सारनैक लेक पर ली गई दोनों की तस्वीरें थीं। बाद के वर्षों में आइंस्टीन लोगों को बताते थे कि वे उनकी नई साथी थीं। कोनेनकोव और उनकी पत्नी मार्गरीटा कोनेनकोवा अमेरिका में 1920 के दशक के मध्य से 1945 तक रहे और इस दौरान उनका काम अमेरिकी परमाणु बम प्रोग्राम की जानकारी इकट्‍ठा करना थी। दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद मार्गरीटा और सेर्गेई कोनेनकोवा ने अमेरिका छोड़ दिया। तब आइंस्‍टीन ने मार्गरीटा को विदाई की भेंट के तौर पर सोने की घड़ी उपहार में दी थी। मार्गरीटा की 1980 में दम घुटने से मौत हुई थी, लेकिन इससे पहले आइंस्टीन और उसके पति की मौत हो चुकी थी।



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