ग्वालियर राजघराने के किस्से: आइए जानें क्यों माधव राव सिंधिया के लोगों पर छोड़े गए रॉटवीलर कुत्ते

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अमिताभ का बंगला

बात उन दिनों की है ग्वालियर के सिंधिया राजघराने के माधवराव सिंधिया और राजमाता विजयाराजे सिंधिया के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा था। विजयाराजे भारतीय जनसंघ की बड़ी नेता थीं तो दूसरी ओर माधवराव जनसंघ की विरोधी पार्टी कांग्रेस में थे। देश में इंदिरा गांधी के शासन में इमरजेंसी लागू होने के समय विजयाराजे जेल में बंद थी तो उनके बेटे माधवराव नेपाल चले गए थे। उस दौर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया अपने राजनीतिक सलाहकार सरदार आंद्रे पर बहुत भरोसा करती थीं लेकिन उन्हें माधव राव सिंधिया बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे।

आंग्रे की पत्नी ने महल के सामान से सजाया अपना घर

ग्वालियर में जयविलास महल के पास हिरण वन कोठी में आंग्रे का परिवार रहता था। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राशिद किदवई ने अपनी किताब ‘द हाउस ऑफ सिंधियाज: ए सागा ऑफ पावर, पॉलिटिक्स एंड इंट्रिग’ में लिखा है ‘आंग्रे की पत्नी मनु,  जयविलास महल (सिंधिया राजपरिवार का निवास) में गईं। वे वहां से सोने की पर्त चढ़े नल, झाड़फानूस और कई कालीन ले आईं और उन्हें अपनी कोठी में सजा लिया। जब कांग्रेस सरकार सत्ता में आई तो माधवराव सिंधिया ने महल की सभी चीजों को वापस लाने की कोशिश की।

खौफनाक रॉटवीलर कुत्ते छोड़े

जब माधवराव सिंधिया के लोग महल की वस्तुएं लेने के लिए हिरण वन कोठी पहुंचे तो वहां मौजूद सरदार आंग्रे के कर्मचारियों ने उन पर खौफनाक रॉटविलर कुत्ते छोड़ दिए। यह देख माधवराव के लोगों ने बदले में एक कुत्ते को गोली मार दी।  आंग्रे, विजयाराजे सिंधिया के राजनीतिक सलाहकार तो थे ही साथ ही साथ वह उनके कई निजी फैसलों में भी दखल देते थे।

माधवराव को आंग्रे की दखलंदाजी बिल्कुल भी पसंद नहीं थी। समय के साथ आंग्रे एक ऐसे शख्स बन गए जो मां बेटे के बीच एक बड़ी और ऊंची दीवार बनकर खड़े हो गए। इससे नाखुश माधव राव सिंधिया ने एक बार सभी के सामने यह तक बोलने से परहेज नहीं किया था कि आंग्रे का उनकी मां (विजयाराजे सिंधिया) पर कुछ ज्यादा ही असर है।

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