BHOPAL. कहते हैं हर कामयाब आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है। चाहे वो महिला मां हो या पत्नी। नारी जननी है, शक्ति है, वो भावी पीढ़ी का सृजन करती है और संस्कार सिंचन भी करती है। नारी ईश्वर के समकक्ष है। आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है और आज हम आपको 5 ऐसे पुरुषों के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने सफलता के शिखर को छुआ है और उनकी कामयाबी के पीछे की वजह नारी शक्ति रही है।
1. छत्रपति शिवाजी महाराज
महान वीरों में गिने जाने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज को शक्तिशाली योद्धा बनाने में उनकी मां जीजाबाई का अहम योगदान था। जीजाबाई एक बहादुर मां थीं जिन्होंने अपने बेटे को राष्ट्रहित के लिए तैयार करते हुए हिन्दू स्वराज्य का सपना देखा था। जीजाबाई ने छोटी ही उम्र में गुरु समर्थ रामदास की मदद से शिवाजी महाराज को एक सैनिक की तरह बड़ा किया। उन्होंने शिवाजी के मन में देशभक्ति और वीरता की भावना जगाई। अपनी मां के शब्दों का मान रखने के लिए शिवाजी ने सिंहगढ़ किले को जीतने में अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया था। शिवाजी ने अपने अजीज तानाजी को भी इस लड़ाई में खो दिया था। 'तुम्हें अपने आपको मेरा बेटा कहना छोड़ देना चाहिए। तुम चूड़ियां पहनकर घर में बैठो। मैं स्वयं फौज के साथ सिंहगढ़ के दुर्ग पर आक्रमण करूंगी और विदेशी झंडे को उस पर से उतारकर फेंक दूंगी। जीजाबाई के ये वे शब्द थे जिसने शिवाजी की पूरी जिंदगी बदल दी थी। इसके बाद शिवाजी ने फौज लेकर सिंहगढ़ पर आक्रमण कर दिया था।
2. गोविंदा
90 के दशक में हर सिनेमा के दीवाने के दिल पर राज करने वाले गोविंदा ने 1986 में एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। अपने फिल्मी करियर में डांस से लेकर कॉमेडी तक में उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की। लंबे वक्त तक अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीता। गोविंदा अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां निर्मला को देते हैं। गोविंदा की मां एक गायिका थीं। गोविंदा अपनी मां के बेहद करीब थे। गोविंदा की पत्नी सुनीता आहूजा ने बताया कि वे अपनी मां से इस दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करते हैं। गोविंदा मां के हर जन्मदिन पर उनके पांव धोकर पीया करते थे। गोविंदा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि आज वे जो कुछ भी हैं, उसके पीछे उनकी मां का हाथ है। गोविंदा ने कहा कि एक दौर था जब मैं खोली में रहता था और मेरी सारी उम्मीदें खत्म हो चुकी थीं। यहां तक कि मैंने बड़े सपने भी देखने छोड़ दिए थे परंतु इस मुश्किल घड़ी में अगर किसी ने मेरा साथ दिया तो वो मेरी मां ने दिया और उन्होंने ना केवल मुझे संभाला बल्कि मुझे बड़े सपने देखने के लिए फिर से हिम्मत दी। उनकी बदौलत मैंने गरीबी से लेकर अमीरी तक का सफर तय किया | मेरी मां की हर प्रार्थना काम आई और मैं आज जो कुछ भी हूं इसका पूरा क्रेडिट में अपनी मां को देता हूं।
3. संजय लीला भंसाली
बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर संजय लीला भंसाली किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। इंडस्ट्री में खामोशी से कदम रखने वाले संजय लीला भंसाली की कामयाबी को आंकने के लिए सिर्फ नाम ही काफी है। संजय बॉलीवुड के सफल डायरेक्टर्स में शुमार हैं। संजय लीला भंसाली की कामयाबी के पीछे उनकी मां का संघर्ष है। संजय का बचपन बहुत ही अभावों में बीता। उनकी मां ने कपड़े सिल-सिलकर संजय को बड़ा किया। वे सिलाई का काम किया करती थीं। संजय ने अपनी मां को ट्रिब्यूट देने के लिए अपने नाम के आगे मां का नाम लीला जोड़ लिया। संजय लीला भंसाली आज पूरी दुनिया में मशहूर हैं।
4. विराट कोहली
क्रिकेट की दुनिया में विराट कोहली का डंका बजता है। सचिन तेंदुलकर के 100 शतकों के रिकॉर्ड को कोई तोड़ सकता है तो सिर्फ विराट कोहली का नाम ही जुबान पर आता है। विराट कोहली की कामयाबी के पीछे उनकी मां सरोज का अहम योगदान है। विराट ने 18 साल की उम्र में अपने पापा को खो दिया था। जिंदगी के सबसे मुश्किल वक्त में परिवार को अच्छे से संभालने में उनकी मां ने बहुत मेहनत की। विराट को जिंदगी की कठिनाईयों के बीच आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट किया। विराट कोहली की जिंदगी में मां के बाद दूसरी सबसे स्ट्रॉन्ग और महत्वपूर्ण महिला हैं उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा। अपनी पत्नी के लिए विराट कहते हैं कि सच्चाई के लिए हमेशा मुश्किलों से लड़ते रहना और जिंदगी के नियम बदलते रहना अनुष्का की खासियत है। विराट की जिंदगी में एक तीसरी महिला भी आ गई है और वो है उनकी प्यारी-सी बेटी वामिका।
5. रोहित शर्मा
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा की कामयाबी के पीछे भी एक महिला का हाथ ही है। वो महिला हैं उनकी पत्नी रितिका सजदेह। रितिका रोहित की मैनेजर थीं, फिर धीरे-धीरे दोनों को एक-दूसरे से प्यार हुआ। इसके बाद रोहित और रितिका ने 13 दिसंबर 2015 को शादी कर ली। रोहित की जिंदगी में रितिका के आते ही उनकी किस्मत चमक गई। रोहित ने शादी के बाद से 80 वनडे में 4 हजार 548 रन बना दिए। इस दौरान उनका औसर 64.97 का रहा। रोहित ने 21 शतक और 16 फिफ्टी लगाई। रोहित शर्मा ने शादी के बाद ही टी-20 में 3 शतक जड़े। शादी के बाद रोहित शर्मा का टेस्ट में भी जबरदस्त प्रदर्शन रहा। रोहित ने टेस्ट की 24 पारियों में 65.42 की औसत से 1 हजार 245 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 4 शतक और 6 फिफ्टी लगाई। रोहित शर्मा मैदान पर जाने या मीटिंग में जाने से पहले रितिका को फोन जरूर करते हैं। ये उनकी आदत में शुमार है। रितिका, रोहित शर्मा का हर मैच में सपोर्ट करती हुई दिखाई देती हैं। वे दोनों हाथों की उंगलियां क्रॉस करके रखती हैं। जब रोहित शर्मा अपना शतक पूरा कर लेते हैं तभी वे उंगलियां खोलती हैं।