प्रेमियों का पनाहगाह: कुल्लू का एक मंदिर जोड़ों को आश्रय देता है, यहां पुलिस भी नहीं आती

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प्रेमियों का पनाहगाह: कुल्लू का एक मंदिर जोड़ों को आश्रय देता है, यहां पुलिस भी नहीं आती

‘हम प्यार करने वाले, दुनिया से ना डरने वाले’ गाना भले ही प्रेमियों को दुनिया से ना डरने को कह रहा हो, पर हकीकत में प्रेमी जोड़ों को छिपना ही पड़ता है। उन्हें बमुश्किल ही कहीं पनाह नसीब होती है। लेकिन एक जगह है, जहां प्रेमी जोड़ों को पनाह भी मिलती है और पुलिस भी उनका कुछ बिगाड़ नहीं सकती। भारत का पहाड़ी इलाका हिमाचल प्रदेश वैसे तो अपनी प्रकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां के कुल्लू के शांघड़ गांव में स्थित शंगचुल महादेव का मंदिर प्रेमी जोड़ों को रहने के लिए आश्रय भी देता है।

मंदिर में पुलिस भी नहीं आती

बताया जाता है कि शंगचूल महादेव मंदिर कि सीमा में किसी भी जाति के प्रेमी जोड़ों को आने की अनुमति है। जब तक प्रेमी युगल की स्थितियां ठीक नहीं हो जातीं, वे आराम से रह सकते हैं। मंदिर के पंडित प्रेमी युगलों की खातिरदारी करते हैं। मंदिर की सीमा में रहते उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इस सीमा में पुलिस का आना भी प्रतिबंधित है।

भगवान में शरण में हो जाता है

कहा जाता है कि जैसे ही इस सीमा में कोई प्रेमी युगल पहुंचता है, वैसे ही उसे देवता की शरण में आया हुआ मान लिया जाता है। इस स्थान पर देवता का फैसला ही मान्य होता है। इसलिए इस जगह पर लड़ाई-झगड़ा और यहां तक कि ऊंची आवाज में बात करना भी मना है। इस जगह को लेकर ऐसी मान्यता है कि अपने अज्ञातवास के समय पांडव विश्राम करने के लिए यहीं रुके थे। पांडवों का पीछा करते हुए कौरव भी यहां पहुंच गए। तब शंगचूल महादेव ने कौरवों को रोका और कहा कि यह मेरा क्षेत्र है और जो भी मेरी शरण में आएगा उसका कोई कुछ बिगाड़ सकता। महादेव के डर से कौरव वापस लौट गए। पांडवों ने यहां तसल्ली से विश्राम किया। तभी से इस जगह को पवित्र माने जाना लगा।

हम प्यार करने वाले...