कमलनाथ ने बताई अपनी चक्की की खासियत तो BJP नेताओं ने चक्की को चकरघिन्नी बना दिया!

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Harmeet
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जो तस्वीरें हमने आपको दिखाई ये वो चक्की है... जो हाथ से चलती है.. मैनुअल... गांवों में किसी जमाने में इस चक्की का भरपूर इस्तेमाल होता था.. महिलाएं खासतौर पर दोपहर में चक्की चलाकर अनाज पीसती थीं..गांवों में तो ये आज भी नजर आ जाती है लेकिन शहरों में नहीं...एक दूसरी चक्की भी है... ये ऑटोमैटिक चक्की है.. बिजली से चलने वाली.. आजकल इसी चक्की में अनाज पीसा जाता है...गांवों में भी ये चक्की नजर आती है और शहरों में भी.. ये चक्की दिखाई देती है...अब आप सोच रहे होंगे कि हम आखिरकार चक्की के बारे में क्यों बता रहे हैं.. दरअसल इस समय मप्र की राजनीति में इसी चक्की की चर्चा है... चक्की मैनुअल है या ऑटोमैटिक नहीं पता... लेकिन सियासत में चक्की का जिक्र पीसीसी चीफ कमलनाथ लेकर आए...अब समझे कमलनाथ ने कहा कि उनकी चक्की धीरे चलती है और बारीक पीसती है.. अब कमलनाथ ने ये बयान दिया तो बीजेपी नेता कमलनाथ की चक्की पर ही चटखारे लेकर बयान देने में पीछे नहीं रहें... सीएम शिवराज सिंह से लेकर.. प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सभी ने कमलनाथ की चक्की को चकरघिन्नी बनाने में कसर नहीं छोड़ी..अब चक्की वाला ये बयान कमलनाथ 2018 के चुनाव में भी दे चुके थे.. उस समय भी कहा था कि सरकार आएगी तो कमलनाथ की चक्की धीरे चलेगी मगर बारिक पीसेगी.. सरकार आई भी.. कमलनाथ ने अपनी इस चक्की में कितने अफसरों को पीसा.. किसी को हिसाब नहीं मिला.. बहरहाल चुनाव आते हैं तो इस तरह के डॉयलॉग भी सुनाई देने लगते हैं.. मामा यानी शिवराज भी डॉयलॉगबाजी कर रहे हैं... सिंगर भी बन गए हैं...भारत में चुनाव को ऐसे ही द ग्रेट इंडियन पॉलिटिकल ड्रामा नहीं कहा जाता... सबसे बड़ी बात तो ये होती है कि चुनाव के दौरान ही नेताओं की डॉयलॉगबाजी और ड्रामा देखने को मिलता है.. चुनाव खत्म होते हैं सबकुछ भुला दिया जाता है.. जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया जाता है... इसलिए किसकी चक्की बारिक पीस रही है कौन किसकी चक्की को चकरघिन्नी बना रहा है..और जब समय आए तो चतुराई से वोट कीजिए.. ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनिए.. जो जनता के लिए पांच साल तक विकास की चक्की चलाए...

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