परिसीमन के बाद 2008 में पहली बार हुए चुनाव, भाजपा के रामपाल सिंह हैं विधायक

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परिसीमन के बाद 2008 में पहली बार हुए चुनाव, भाजपा के रामपाल सिंह हैं विधायक

BHOPAL. द सूत्र. सिलवानी विधानसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद पहली बार बनी। अब तक यहां तीन विस चुनाव हुए हैं और तीनों में मुकाबला रामपाल सिंह और देवेन्द्र पटेल में हुआ है। इसमें एक बार देवेन्द्र पटेल और दो बार रामपाल सिंह जीतने में कामयाब रहे । इस चुनाव में उमा भारती की नवगठित पार्टी भारतीय जनशक्ति के देवेन्द्र पटेल ने भाजपा के रामपालसिंह को पराजित किया। 2013 के विस चुनाव में रामपाल ने देवेन्द्र पटेल को हराया। बाद में देवेन्द्र भाजश छोड़कर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर हारे। 2018 के विस चुनाव में रामपाल सिंह फिर इसी सीट से जीते। उन्होंने देवेन्द्र पटेल को दूसरी बार हराया।

विधानसभा क्षेत्र:Marut (18).jpg

इस विस सीट के अंतर्गत रायसेन जिले का उत्त र पूर्वी इलाका आता है। विस क्षेत्र में प्रमुख गांव बेगमगंज, सुल्तानगंज तथा सिलवानी आते हैं।

महिला मतदाता: 97286

पुरुष मतदाता: 110282

कुल मतदाता:207569

साक्षरता का प्रतिशत:72.98 %

सामाजिक समीकरण:

हिंदू बहुल सीट। रघुवंशी, यादव व लोधी वोट निर्णायक

आर्थिक समीकरण:

मुख्य रूप कृषि व वनोपज आधारित अर्थव्यवस्था

विधानसभा सीट पर मतदान का ट्रेंड कब और कितना (सर्वाधिक और न्यूनतम मतदान): सर्वाधिक 2018:78.30 % , न्यूनतम 2008: 71.38 %

विधानसभा क्षेत्र का इतिहास:

सिलवानी सीट पहली बार परिसीमन के बाद 2008 में बनी। इस सीट पर भाजपा के रामपाल सिंह और कांग्रेस के देवेन्द्र सिंह पटेल परंपरागत प्रतिद्वंद्वी हैं। चुनाव में उमा भारती की भारतीय जनशक्ति पार्टी के देवेन्द्र पटेल भाजपा के रामपाल सिंह को हराकर जीते। बाद में देवेन्द्र पटेल भाजश छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। 2013 के चुनाव में भाजपा के रामपालसिंह ने कांग्रेस के देवेन्द्र सिंह पटेल को पराजित किया। 2018 में फिर दोनो के बीच मुकाबला हुआ और रामपाल सिंह विजयी हुए।

विधानसभा क्षेत्र की खास पहचान:

बेगमगंज माता टेकरी

2003 से 2018 तक के विधानसभा चुनाव में कौन जीता-कौन हारा: एक बार भाजश और दो भाजपा ने जीती

विधानसभाा क्षेत्र का राजनीतिक मिजाज:

इस सीट का मिजाज भाजपाई ही है। पिछले तीन चुनावों में से एक बार भारतीय जनशक्ति पार्टी के देवेन्द्र पटेल ने जीता। वो भी बहुत कम वोटो से जीते थे। बाद में दोनो चुनाव भाजपा के रामपाल सिंह ने ही जीते। उनकी अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ है।

विधानसभा क्षेत्र की बड़ी चुनावी उठा-पटक:

इस सीट पर बड़ी चुनावी उठापटक 2008 के चुनाव में ही हुई थी। तब कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व में मंत्री रहे जसवंतसिंह का पर्चा बी फार्म समय पर जमा न करने के कारण निरस्त हो गया था। जसवतंसिंह के मैदान से बाहर होने का फायदा भारतीय जनशक्ति पार्टी के देवेन्द्र पटेल को मिला। उन्होंने चुनाव में भाजपा का दिग्गज नेता रामपालसिंह को मात्र 247 वोटों से हराकर इतिहास रचा।

विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे :

बेरोजगारी, बीना सागर परियोजना में बेगमगंज क्षेत्र के कई गांव डूब में आने की आशंका,

पिछले चुनाव (2018) में समीकरण:

भाजपा के रामपालसिंह और कांग्रेस के देवेन्द्र पटेल परंपरागत प्रति‍द्वंद्वी हैं। 2018 के चुनाव में रामपाल ने देवेन्द्र पटेल को 7 हजार से अधिक वोटो से हराया था। दोनो में मुकाबला कड़ा ही होता रहा है।


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