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महाकुंभ 2025
उनके कार्यक्रम के अनुसार, रक्षामंत्री शनिवार सुबह 11:40 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। वहां से हेलीकॉप्टर के माध्यम से 12:10 बजे डीपीएस हेलीपैड पर उतरेंगे। इसके बाद वह महाकुंभ मेला सर्किट हाउस जाएंगे, जहां पांच मिनट का आरक्षित समय रखा गया है। इसके बाद वह सड़क मार्ग से 12:35 बजे संगम पहुंचेंगे और वहां गंगा स्नान व पूजन करेंगे।
महाकुंभ के आयोजन को पांच दिन हो चुके हैं, और इस दौरान लगभग 7 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के दो प्रमुख नेता, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी महाकुंभ में शिरकत करने आ रहे हैं। दोनों नेता स्नान करने के बाद शंकराचार्य और अन्य संतों से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। महाकुंभ में कुल छह प्रमुख स्नान होते हैं, जिनमें से तीन अमृत स्नान होते हैं। पहला अमृत स्नान पहले ही हो चुका है, जिसमें करीब साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने भाग लिया और आस्था की डुबकी लगाई।
प्रयागराज महाकुंभ में सर्दी के कारण बड़ी संख्या में संत, महात्मा और श्रद्धालु बीमार हो गए हैं। महाकुंभ के केंद्रीय अस्पताल में आज 132 इमरजेंसी मामले दर्ज किए गए, जिनमें अधिकांश ठंड और दिल का दौरा जैसी बीमारियों से संबंधित हैं। इसके अलावा, ओपीडी में भी कई लोग इलाज के लिए पहुंचे हैं। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, इमरजेंसी में इलाज के लिए आए 132 लोग सभी सुरक्षित हैं।
इसी दौरान जूना अखाड़े के अमृत स्नान के शाही जुलूस में एक महामंडलेश्वर की तबियत अचानक बिगड़ गई। वह रथ पर बैठकर श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे थे, तभी उनकी हालत बिगड़ गई। भक्तों ने तुरंत उन्हें सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दिया और रथ को जुलूस से हटा कर महामंडलेश्वर को अस्पताल भेजा गया, जहां उनका इलाज किया गया।
प्रयागराज महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी 2025 को किया जा रहा है। 12 वर्षों के बाद आयोजित हो रहा महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हो चुका है, और यह 26 फरवरी तक जारी रहेगा। इस धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन में 45 दिनों के दौरान 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक, इस महाकुंभ में 15 लाख से ज्यादा विदेशी श्रद्धालुओं के भी शामिल होने की उम्मीद है। वहीं, खबर आ रही है कि ज्यादा भीड़ की वजह से संगम तट पर कई महिलाएं बेहोश हो गई हैं।
महाकुंभ का शुभारंभ हो चुका है और आज पौष पूर्णिमा पर पहला स्नान है। इस समय तक लगभग 60 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया है। बता दें यह संख्या 1 करोड़ तक पहुंच सकती है। श्रद्धालु 45 दिन के कल्पवास की शुरुआत भी आज से करेंगे।
स्नान घाट और यातायात व्यवस्था
संगम नोज सहित लगभग 12 किलोमीटर के क्षेत्र में विशेष स्नान घाट बनाए गए हैं। संगम में प्रवेश के सभी रास्तों पर भक्तों की भारी भीड़ है। इस बार महाकुंभ में वाहनों की एंट्री पूरी तरह से बंद कर दी गई है, जिसके कारण श्रद्धालुओं को 10-12 किलोमीटर पैदल चलकर संगम तक पहुंचना पड़ रहा है।
प्रयागराज में महाकुंभ मेला शुरू हो चुका है और आज पहला शाही स्नान है। यह मेला 26 फरवरी तक, यानी करीब 45 दिनों तक चलेगा। बता दें कि अब आप महाकुंभ का अद्भुत दृश्य आसमान से भी देख सकते हैं, इसके लिए हेलिकॉप्टर सेवा उपलब्ध है। श्रद्धालुओं के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने हेलिकॉप्टर यात्रा की कीमत कम कर दी है, ताकि ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें।
अब हेलिकॉप्टर राइड की कीमत आधी से भी कम कर दी गई है। पहले यह यात्रा 3 हजार रुपए में उपलब्ध थी, लेकिन अब यह केवल 1 हजार 296 रुपए प्रति व्यक्ति होगी। उत्तर प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि यह 7-8 मिनट की हेलिकॉप्टर यात्रा 13 जनवरी से शुरू हो चुकी है।
महाकुंभ की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और दुनियाभर से श्रद्धालु प्रयागराज आ रहे हैं। इस बीच, एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी, लॉरेन जॉब्स भी महाकुंभ में एक संन्यासी के रूप में नजर आएंगी। उन्हें अपने गुरु, निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से गोत्र भी मिला है, जिससे उन्होंने एक नई पहचान भी हासिल की है।
प्रयागराज महाकुंभ के दौरान, लॉरेन अब 'कमला' नाम से जानी जाएंगी और सनातन धर्म को गहरे से समझने के लिए कथा और प्रवचन में भाग लेंगी। स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि लॉरेन जॉब्स को सनातन धर्म में गहरी रुचि है और वह उन्हें अपने पिता के समान मानती हैं, वहीं स्वामी भी उन्हें अपनी बेटी की तरह स्नेह करते हैं।
निर्मल अखाड़ा आज गाजे-बाजे और पूरी भव्यता के साथ मेले में प्रवेश करेगा। कीडगंज स्थित आश्रम से निर्मल अखाड़े की भव्य छावनी प्रवेश शोभायात्रा की शुरुआत होगी। इस शोभायात्रा में निर्मल अखाड़े के संत, महंत, महामंडलेश्वर और आचार्य शामिल होंगे। रथ और पालकी पर सवार होकर, वे महाकुंभ की छावनी में पहुंचेंगे।
प्रयागराज महाकुंभ में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भव्य तरीके से मेला क्षेत्र में प्रवेश किया है। गुरुवार को वे रथ पर सवार होकर छावनी में प्रवेश के लिए निकले थे। शुक्रवार को श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन की पेशवाई भी आयोजित हुई, जिसमें संत और भक्त भी बड़ी संख्या शामिल हुए। इस आयोजन में शंकराचार्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्रद्धालुओं का उत्साह देखने को मिला। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के साथ अनुयायियों का एक बड़ा समूह है।
मेरठ में आरएसएस के क्षेत्रीय संघचालक सूर्य प्रकाश टांक, विभाग संचालक जतन स्वरूप, विभाग सह संचालक विनोद भारती, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि अभियान के महानगर संयोजक पवन त्यागी, आपदा राहत विभाग के संयोजक आलोक सिसौदिया सहित कई गणमान्य इस मौके पर मौजूद रहे और झंडी दिखाकर डीसीएम को प्रयागराज के लिए रवाना किया। क्षेत्रीय संघचालक, आरएसएस सूर्य प्रकाश टांक, ने बताया कि पहले चरण ने मेरठ से 30 हजार थाली और थैले भेजे गए हैं और पूरे देश से डेढ़ करोड़ से ज्यादा थाली थैले भेजे जाएंगे। हरित कुंभ के मकसद को लेकर ये अभियान शुरू किया गया है। सबसे बड़ी बात ये है कुंभ में पर्यावरण संरक्षण को लेकर शुरू किए गए इस अभियान में लोग भी बढ़ चढकर हिस्सा ले रहें हैं और उम्मीद से ज्यादा थाली और थैले दे रहें हैं।इस अभियान के तहत देशभर के घर-घर से लोगों ने श्रद्धा के साथ थैले और थालियां प्रदान की हैं। इनका वितरण कुंभ में निशुल्क किया जाएगा ताकि लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के दौरान सुविधाजनक साधन मिल सके।
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महाकुंभ हिंदू धर्म का एक अति महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जिसे कुंभ मेला भी कहा जाता है। यह महायोग 12 वर्षों में एक बार होता है, जिसमें श्रद्धालु आस्था और पवित्रता के प्रतीक रूप में पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं। महाकुंभ का आयोजन भारत के चार पवित्र तीर्थ स्थानों पर किया जाता है, जो प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में स्थित हैं। इन स्थानों पर क्रमशः संगम (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम), गंगा नदी, शिप्रा नदी और गोदावरी नदी के किनारे महाकुंभ का आयोजन होता है।
इस वर्ष महाकुंभ मेले का आयोजन प्रयागराज के संगम पर हो रहा है। यह दिव्य आयोजन 13 जनवरी 2025 से आरंभ होकर 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर संपन्न होगा। महाकुंभ के दौरान विभिन्न तिथियों पर शाही स्नान और अन्य पवित्र स्नान का आयोजन किया गया है। श्रद्धालुओं के बीच शाही स्नान की तारीखों को लेकर भ्रम की स्थिति थी, लेकिन अब सटीक जानकारी उपलब्ध है।
महाकुंभ 2025 में स्नान और शाही स्नान की तिथियां
- 13 जनवरी 2025 (सोमवार) - पौष पूर्णिमा स्नान
- 14 जनवरी 2025 (मंगलवार) - मकर संक्रांति शाही स्नान
- 29 जनवरी 2025 (बुधवार) - मौनी अमावस्या शाही स्नान
- 3 फरवरी 2025 (सोमवार) - वसंत पंचमी शाही स्नान
- 12 फरवरी 2025 (बुधवार) - माघी पूर्णिमा स्नान
- 26 फरवरी 2025 (बुधवार) - महाशिवरात्रि स्नान
इस महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु एकत्र होकर पवित्र स्नान करेंगे और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से मोक्ष और आशीर्वाद की प्राप्ति करेंगे।
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