खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) ने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले के दौरान 19 जनवरी, 2025 को लगी आग की जिम्मेदारी ली है। KZF ने आग को विस्फोट करार देते हुए दावा किया है कि उसने 'पीलीभीत एनकाउंटर' का बदला लेने के लिए यह घटना की है। मामले की जांच अब NIA और UP ATS कर रही है और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। घटना में खालिस्तानी एंगल की संभावना के चलते जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है, जिसमें स्थानीय और दूसरे राज्यों की पुलिस भी शामिल है।
आग की घटना और खालिस्तानी एंगल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 19 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ के सेक्टर 19 में आग लग गई थी, जिसमें कई टेंट जल गए थे। आग लगने की वजह सिलेंडर विस्फोट बताया गया था, लेकिन इसके बाद खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) ने दावा किया कि उसने यह हमला किया है। उन्होंने इसे पीलीभीत एनकाउंटर का बदला बताते हुए इसे केवल चेतावनी के तौर पर अंजाम दिया है।
KZF का बयान और ईमेल में दावा
KZF ने ईमेल के ज़रिए अपनी जिम्मेदारी स्वीकार की है। संगठन ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं था बल्कि यह दिखाना था कि उनके पास कितनी ताकत है। संगठन ने यह भी कहा कि यह घटना तो बस एक शुरुआत है और पीलीभीत एनकाउंटर को फ़र्जी बताया।
19 जनवरी 2025 को प्रयागराज महाकुंभ में आग लग गई थी। यह आग सेक्टर 19 में लगी थी। इसमें कई टेंट जल गए थे। आग पर कुछ ही मिनटों में काबू पा लिया गया था। आग लगने का कारण रसोई सिलेंडर का फटना बताया गया था। आग में किसी की जान नहीं गई थी।
जांच प्रक्रिया और संदिग्धों की गिरफ्तारी
आग की घटना के बाद एनआईए और एटीएस ने जांच शुरू कर दी है। इन अधिकारियों ने घटनास्थल के आसपास मौजूद 1000 लोगों से पूछताछ की। खास बात यह है कि इनमें से ज्यादातर हिंदू नहीं थे, जिससे मामले में खालिस्तानी एंगल का शक और गहरा गया है। एटीएस ने वाराणसी से 10 संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
सोशल मीडिया से कनेक्शन
महाकुंभ में आग लगने के बाद कई लोग सोशल मीडिया पर घटनास्थल की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट कर रहे थे, जिनमें से कुछ को बाद में डिलीट कर दिया गया। इन गतिविधियों को संदिग्ध मानते हुए एटीएस ने इन लोगों से पूछताछ भी की है। खासकर उन लोगों से जिन्होंने घटना के समय लोकेशन शेयर की थी।
खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ अलर्ट
इस मामले में पंजाब और अन्य राज्यों की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इस घटना के पीछे खालिस्तानी आतंकियों का हाथ हो सकता है और खास तौर पर ब्रिटिश सेना के पूर्व जवान और आतंकियों के हैंडलर फतेह सिंह बागी का नाम सामने आया है। जो हाल ही में हुए गुरदासपुर हमले में भी शामिल था।
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