अरविंद शर्मा : भोपाल प्रदेश की दो हॉट सीट राजगढ़ ( Rajgarh ) और छिंदवाड़ा ( Chhindwara ) में कांग्रेस के दिग्गजों की हार के बाद कांग्रेस में कयासों के दौर शुरू हो गए है। दिग्विजय सिंह ( Digvijay Singh ) और कमलनाथ ( Kamal Nath ) की कांग्रेस में भूमिका को लेकर पार्टी के अंदर खाने में अलग-अलग चर्चाओं का बाजार गर्म है। कांग्रेस ( Congress ) में उनकी आगामी भूमिका मार्गदर्शक के तौर पर रहेगी क्या? हालांकि दिग्विजय सिंह अभी राज्यसभा के सांसद है। वहीं कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ( Nakulnath )की हार के बाद प्रदेश में एक मात्र सीट छिंदवाड़ा भी गंवानी पड़ी। राजगढ़ संसदीय सीट से पिछड़ने के बाद दिग्विजय सिंह मतगणना केंद्र से निकले तो उन्होंने ईबीएम में गड़बड़ी के आरोप लगा दिए है।
प्रदेश की 29 संसदीय सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है। लेकिन प्रदेश की दो सीट छिंदवाड़ा और राजगढ़ की हार के बाद दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो रहे है। कांग्रेस सूत्रों की माने तो अपने गढ़ में घिरे दोनों दिग्गजों को हार का स्वाद चखना पढ़ा है। इसके बाद उनके चेहरों पर चिंता की लखीरे दिख रही है। वहीं पार्टी की माने तो दोनों ही नेता बुजुर्ग हैं, उनकी सलाह से कांग्रेस में फैसले पहले भी लेते जाते रहे हैं। आगामी दिनों में भी मार्गदर्शन लेते रहेंगे।
पीसीसी दफ्तर में हार को लेकर अभी नहीं ली जिम्मेदारी
कांग्रेस के पीसीसी दफ्तर में मंगलवार को बढ़े नेता पहुंचे। कमलनाथ और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पहुंचे। लेकिन मप्र की 29 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की हार की जिम्मेदारी किसी नेता ने नहीं ली है। कमलनाथ केवल यह कहते दिखे कि वह अपने बेटे नकुलनाथ की हार की समीक्षा करेंगे।
राजा ने जनता से कहा अंतिम चुनाव
राजगढ़ संसदीय सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चुनाव सभाओं के दौरान कहा कि उनके जीवन का अंतिम चुनाव है। वह अपने गृह नगर राघौगढ़ में भी जनता के बीच यही संदेश देते रहे। लेकिन उसके बाद भी वह अपना अभेद किला राघौगढ़ को भी नहीं बचा सके। हालांकि अब यह सवाल उठता है कि आगे दिग्विजय सिंह क्या चुनाव लड़ेंगे।
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चुनाव जीतने के लिए धुरविरोधी के साथ भी दिग्गी ने किया मंच साझा
राजगढ़ संसदीय सीट की चांचौड़ा विधानसभा में दिग्गविजय सिंह ने चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक धुरविरोधी पूर्व विधायक ममता मीना के साथ हाथ मिलाया। इतना ही नहीं वह उनके घर भी पत्नी अमृता के साथ पहुंचे। वहीं दूसरी ओर मंच भी पूर्व विधायक के साथ साझा किया। लेकिन उसके बाद भी वह हार नहीं टाल सके।
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