संजय शर्मा, BHOPAL. प्रदेश में लोकसभा चुनाव की वोटिंग के दो चरण पूरे हो चुके हैं और अब दो चरण शेष रह गए हैं। यानी प्रदेश की 29 में से 12 सीटों पर उम्मीदवारों का भविष्य EVM में लॉक हो चुका है, लेकिन दोनों चरणों में घटे वोटिंग परसेंट ने राजनीतिक दलों के साथ- साथ विश्लेषकों की नींद भी उड़ा दी है। इन सीटों पर वोटिंग परसेंट 2.56% से 10.37% तक काम हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) , केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ( Union Home Minister Amit Shah ) और राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने जिन सीटों पर प्रचार किया था, उन पर भी वोटिंग 2019 के लोकसभा चुनाव से कम रही है। बड़े नेताओं के पहुंचने के बाद भी वोटर्स ने मतदान से जो बेरुखी दिखाई है, वह पार्टियों खासकर बीजेपी के लिए चिंता की वजह बना हुआ है। राजनीतिक पंडितों के साथ ही हर कोई मतदान में गिरावट की असल वजह समझने और वोटर के मूड को भांपने की कोशिश कर रहा है।
वोटिंग बढ़ाने के दावे की क्यों निकल गई हवा
लोकसभा चुनाव के शेड्यूल को जारी करते समय चुनाव आयोग ने ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की अपील की थी। प्रदेश भर में इसके लिए मतदाता जागरुकता और नए वोटर्स के लिए आयोग ने कैंपेन भी चलाया था। आयोग के अलावा प्रशासन भी आकर्षक स्कीम्स का सहारा ले रहा है। लेकिन मतदाताओं की बेरुखी कोई समझ नहीं पा रहा है। राज्य में पहले चरण में 19 अप्रैल को छिंदवाड़ा, मंडला, बालाघाट, सीधी, जबलपुर और शहडोल के बाद दूसरे चरण में टीकमगढ़, खजुराहो, दमोह, होशंगाबाद, रीवा और सतना लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को वोटिंग हो चुकी है। पहले चरण में वोटिंग कमजोर रहने पर आयोग, प्रशासन के साथ ही राजनीतिक दलों ने भी कोशिश की पर दूसरे चरण में भी वोट परसेंट बढ़ नहीं सका। शुक्रवार को दूसरे चरण की वोटिंग के बाद अब मतदाताओं के पोलिंग पर नहीं पहुंचने को लेकर मंथन हो रहा है। वोटर क्यों बेरुखी दिखा रहा है और वोट देने क्यों नहीं पहुंच रहा। यह सवाल सभी के जहन में है, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं।
मोदी- शाह और राहुल का नहीं दिखा असर
पहले और दूसरे फेज में प्रदेश की 12 लोकसभा सीटों पर वोटिंग के बाद अब राजनीति के जानकार समीकरण, आंकड़े और वोटर्स की बेरुखी पर मंथन कर रहे हैं। बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा पीएम मोदी ने 1st फेज की वोटिंग से पहले आदिवासी अंचल की सीट बालाघाट में सभा और जबलपुर में रोड शो किया था। इसी फेज में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंडला और कांग्रेस के कब्जे वाली छिंदवाड़ा में प्रचार करने पहुंचे थे। वहीं प्रदेश में राहुल गांधी का पहला दौरा भी इसी फेज में हुआ था। उन्होंने भी मंडला और शहडोल में सभाएं की थी। लेकिन बीजेपी - कांग्रेस के इन दिग्गजों के चुनावी कैंपेन के बाद भी इन पहले फेज की सीटों पर वोट परसेंट ढाई से 10 परसेंट तक गिर गया। बीजेपी की बूथ लेवल पर 10 फीसदी वोट बढ़ाने की रणनीति भी फिलहाल कारगर साबित नहीं हुई। छिंदवाड़ा सीट से 9 बार सांसद रहे कमलनाथ का प्रभाव भी इस बार नहीं दिखा और उनकी अपील पर भी वोटर नहीं निकला। दूसरे फेज में टीकमगढ़, खजुराहो, दमोह, रीवा, सतना और होशंगाबाद में वोटिंग हुई। इस फेज में मोदी ने होशंगाबाद और दमोह सीट पर सभा लेकर जमकर मतदान का आव्हान किया किया। इन दोनों सहित सभी 6 सीटों पर वोट परसेंट 2019 के आम चुनाव से काफी कम रहा। खजुराहो सीट से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मैदान में हैं। यहां इंडी गठबंधन के कैंडिडेट का फॉर्म निरस्त होने के बाद उनके सामने वॉक ओवर जैसी स्थिति थी। वे प्रचार में भी जमकर लगे रहे लेकिन वोटिंग यहां भी बेहद कम रही है।
रैलियों में जुटी भीड़ पर वोट में नहीं बदल पाए नेता
प्रदेश में दो चरणों में हुई वोटिंग से पहले प्रचार को लेकर घमासान की स्थिति बनी रही। बीजेपी- कांग्रेस के नेताओं की रैलियों और सभाओं में भी खूब भीड़ जुटी लेकिन वह वोट में नहीं बदली जा सकी। मतदाता चुनाव को लेकर भी अनमने से नजर आ रहे हैं। बीजेपी और कांग्रेस नेताओं ने केंद्रीय मुद्दों के साथ स्थानीय मसलों पर भी एक- दूसरे पर जमकर प्रहार किए लेकिन प्रचार के दौरान कार्यकर्ताओं में पहले की तरह जोश गायब रहा। वोटिंग के दौरान बूथ लेवल पर सक्रीय रहने वाले वे कार्यकर्ता जो वोटर्स को मतदान के लिए सजगता के साथ निकालकर लाते थे वे भी गायब रहे।
प्रदेश में बड़े नेताओं की रैली-सभाओं वाली सीटों पर वोटिंग की स्थिति
1st फेज सभा/ रोड शो 19 में वोटिंग 24 में वोटिंग वोट % कमी
छिंदवाड़ा - अमित शाह का रोड शो 82.39 % 9.83 % 2.56 % कम
मंडला - शाह और राहुल की सभा 77.62 % 72.84 % 4.78 % कम
बालाघाट - पीएम मोदी की सभा 77.36 % 67.75 % 9.61 % कम
जबलपुर - पीएम मोदी रोड शो 69 % 61% 08 % कम
शहडोल - राहुल गाँधी की सभा 74.73 % 64.68 % 10.05 %कम
2nd फेज
दमोह - पीएम मोदी की सभा 65.82% 55.45% 10.37 % कम
होशंगाबाद- पीएम मोदी की सभा 74.22% 67.16% 07.06 % कम