छतरपुर. महाराजा छत्रसाल यूनिवर्सिटी (Maharaja Chhatrasal University) के कुलपति (Chancellor) पर आरोप है कि उन्होंने कॉलेजों (Colleges) से दीक्षांत समारोह (Convocation) के नाम पर 21 हजार रुपए मांगे हैं। इन आरोपों के साथ एक पत्र सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रहा है। यह पत्र वाइस चांसलर (VC) के लेटरहेड पर लिखा गया है, जिस पर उनके साइन भी हैं। यह पत्र विश्वविद्यालय से संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों को लिखा गया। इसमें हर प्राचार्य से 21 हजार की राशि मांगी गई। इसमें उल्लेख है कि यह राशि दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आने वाले राज्यपाल मंगूभाई पटेल (Governor Mangubhai Patel) को स्मृति चिन्ह भेंट करने के लिए है। हालांकि, वीसी ने इस पूरे मामले को झूठा बताया है।
पत्र में ये लिखा गया: सभी प्राचार्य (सरकारी/गैर-सरकारी कॉलेज), जो विश्वविद्यालय क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आते हैं। आपको नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ आपको यह अवगत कराना चाहता हूं कि माननीय राज्यपाल मंगूभाई पटेल की स्वीकृति के बाद विश्वविद्यालय अपना पहला दीक्षांत समारोह आयोजित करने जा रहा है। इसमें दीक्षांत पत्रिका के पब्लिकेशन और कार्यक्रम के आयोजन के लिए आपसे आर्थिक सहयोग की अपेक्षा रखता हूं, ताकि राज्यपाल को एक भव्य स्मृति चिन्ह दिया जा सके। प्राचार्यों से अनुरोध है कि वह अपने कॉलेज से 21 हजार की राशि का आर्थिक सहयोग यूनिवर्सिटी में प्रकाशन समिति के सदस्य आदित्य विक्रम सिंह या अकादमिक शाखा में पदस्थ शिवम मिश्रा के पास जमा कराने का कष्ट करें।
कौन हैं वीसी: महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी (छतरपुर) के वीसी प्रो. टीआर थापक (Prof. TR Thapak) हैं। वे एडमिशन एंड फी रेगुलेटरी कमेटी के चेयरमैन रहे हैं। इसके अलावा वे विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में भी वीसी रह चुके हैं। उनकी आरएसएस में अच्छी पकड़ बताई जाती है। जब उनसे इस विषय में उनका पक्ष जानना चाहा, तो उन्होंने केवल यह बस कहा कि यह पत्र फर्जी है। पुलिस के बड़े अधिकारियों से वायरल पत्र की शिकायत की दी गई है। पुलिस जांच कर रही है।
(छतरपुर से हिमांशु अग्रवाल की रिपोर्ट)