बीजेपी के इरादे बिलकुल साफ है. पार्टी को विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करनी है. आलानेता ये भी साफ कर चुके हैं कि टिकिट देने के क्राइटेरिया से वो कोई समझौता नहीं करेंगे. यूपी में परिवारवाद से परे टिकिट देने का फॉर्मूला कारगर होने के बाद बीजेपी ने मध्यप्रदेश के लिए क्राइटेरिया थोड़ा और सख्त कर दिया है. जो फिलहाल नगरीय निकाय चुनावों की छन्नी में डाल दिया गया है. इस छन्नी से फिल्टर होकर निकले प्रत्याशियों ने बीजेपी को जीत तक पहुंचाया. तो यही छन्नी विधानसभा चुनाव में भी लगी होगी. यकीन मानिए इस बार जो बीजेपी ने जो फिल्टर लगाया है इस बार उससे होकर गुजरना जीताऊ विधायकों के लिए भी बहुत आसान नहीं है.