शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर अब राजनीति शुरु हो गयी है। संतों के आन्दोलन और जल सत्याग्रह की चेतवानी के बाद अब कांग्रेस ने भी मोर्चा खोल दिया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस की उपाध्यक्ष नूरी खान ने शिप्रा नदी में जल सत्याग्रह शुरू किया है। चार फीट गहरे पानी में खड़े होकर नूरी ने आंदोलन की शुरुआत की।
'मेरी मृत्यु हुई तो उसकी जिम्मेदार एमपी सरकार होगी': नूरी ने कहा कि आंदोलन के दौरान यदि मेरी मृत्यु हो जाती है तो इसकी जवाबदारी उज्जैन प्रशासन और मध्यप्रदेश सरकार की होगी। नूरी ने बताया कि वे अकेली शिप्रा के प्रदूषित पानी में उतरेंगी और जब तक की उज्जैन कलेक्टर या मंत्री मोहन यादव खुद आकर शिप्रा नदी को स्वच्छ और निर्मल करने सहित 16 गंदे नालों और कान्ह नदी का पानी शिप्रा नदी में मिलने से रोकने के ठोस उपाय नहीं बता देते आन्दोलन जारी रखेंगी।
शिप्रा नदी के शुद्धिकरण के लिए जल सत्याग्रह कर रही नेत्री #नूरी_खान डूबते डूबते बचीं, समर्थकों ने छलांग लगाकर बचाई जान। बेहोशी की हालत में अस्पताल में कराया गया भर्ती।@NooriKhanINC @INCMP @BJP4MP @JAYS_org pic.twitter.com/jakKmgcbff
— TheSootr (@TheSootr) January 20, 2022
इसलिए नाराज हैं संत, जल समाधी की धमकी: शिप्रा नदी के त्रिवेणी घाट पर 14 जनवरी को होने वाले नहान के लिए कान्ह नदी पर मिटटी का डेम बनाया गया था। हालांकि कोरोना गाइड लाइन के चलते नहान पर प्रतिबन्ध के चलते नहान तो नहीं हो पाया लेकिन रविवार को मिटटी में कटाव आने से बीच में से मिटटी बाह गयी और कान्ह का प्रदूषित पानी फिर से शिप्रा नदी में मिल गया। जिसे लेकर संत नाराज हो गए थे। शिप्रा शुद्धि करण को लेकर संतो ने कहा था की जल्द ही मांग नहीं मानी गयी तो बड़ा आंदोलन करेंगे और शिप्रा नदी में जल समाधि करेंगे।