जान जोखिम में: MP सरकार ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने जुगाड़ से पालकी बनाई, रोज नदी पार करते हैं

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जान जोखिम में: MP सरकार ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने जुगाड़ से पालकी बनाई, रोज नदी पार करते हैं

देवास. यहां के किसान (Farmer) रोज अपनी जान जोखिम में डालते है। बारिश (Rain) के चार महीने यहां पर किसानों को आने जाने के लिए जुगाड़ (Makeshift) पालकी का इस्तेमाल करना पड़ता है। वजह नदी पर कोई पुल नहीं है। गांववालों ने मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन सौंपा, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। खेतों तक जाने के लिए लोगों को पालकी (palanquin) का इस्तेमाल करना पड़ता है।

जुगाड़ पालकी से जाते है खेतों में

यहां के ग्रामीणों ने दो पड़ों के बीच तारों के सहारे लोहे की पालकी बांधी है। इससे ये बारिश के दौरान खेतों में जाते है। बारिश की शुरुआत से ही लोग अपने मवेशियों को खेतों में बांधकर आते है। ग्रामीणों की मानें तो नदी का मुहाना गांव के बीच में है, इसलिए आने-जाने में दिक्कत होती है। ग्रामीणों ने इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन भी सौंपा है, पर कोई फायदा नहीं हुआ।

अपने पैसों से बनाई पालकी

यहां के 25 किसानों की 150 बीघा जमीन है, जो नदी के पार है। किसानों ने 10 हजार रुपए लगाकर इस जुगाड़ पालकी को बनाया। पुल बनाने के लिए लंबे वक्त से गुहार लगाई जा रही है।जब कोई मदद नहीं मिली तो ग्रामीणों ने चंदा कर नदी पार करने के लिए पालकी तैयार कर ली।

CM Shivraj Singh Chauhan मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देवास villagers pool river crossed by villagers ग्रामीणों के द्वारा बनाया गया पुल