BHOPAL. मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर के कांग्रेस कार्यालय में बजरंग दल द्वारा तोड़फोड़ के मामले में पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सख्त नाराजगी दिखाई है। कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से तोड़फोड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा ना हो। वहीं, कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने 5 मई को गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है। इसमें नेता प्रतिपक्ष ने जबलपुर कांग्रेस कार्यालय में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने घुसकर तोड़फोड़ करने और कर्मचारियों के साथ अभद्रता करने की बात का जिक्र किया है।
कानून का भी डर नहीं
पत्र में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने मध्य प्रदेश पुलिस पर मुकदर्शक बनकर तमाशा देखने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा- प्रदेश में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की इतनी हिम्मत हो गई है कि वह कानून की परवाह करें बिना कांग्रेस कार्यालय को अपना निशाना बना रहे हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक राजनैतिक दल के कार्यालय पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा सरेआम इस तरह हमला किया जाना अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक हैं। डॉ. गोविंद सिंह ने जबलपुर पुलिस अधीक्षक टीके विद्यार्थी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने एवं मध्य प्रदेश के जिला कांग्रेस कार्यालयों पर CISF की सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की। दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में PFI और बजरंग दल जैसे संगठनों पर बैन लगाने की घोषणा की हैं।
कर्नाटक घोषणा पत्र के विरोध में बजरंग दल
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव के विरोध में जबलपुर में 4 मई को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा मचाया। उन्होंने कांग्रेस दफ्तर में तोड़फोड़ की। कांग्रेस पार्टी का बैनर फाड़ा बल्कि पत्थरबाजी करते हुए दफ्तर की खिड़कियों के कांच भी तोड़ दिए। बल्देवबाग के निकट सड़क पर लगभग 30 मिनट तक भगवा ध्वज लेकर उग्र प्रदर्शन करने के बाद अचानक बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस कार्यालय की तरफ रुख किया। इस दौरान बहुत देर तक पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
घटना से गरमाई राजनीति
बजरंग दल द्वारा की गई इस घटना के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ट्वीट करके मुख्यमंत्री चौहान को कटघरे में खड़ा किया। उन्होने कहा- जबलपुर में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में घुसकर नारेबाजी और तोड़फोड़ की। इससे भी ज्यादा दुख की बात यह है कि तोड़फोड़ करने वालों को रोकने में पुलिस ने कोई विशेष कार्रवाई नहीं की।
ये भी पढ़ें...
कमलनाथ ने क्या कहा है
कमलनाथ ने कहा- मैं मुख्यमंत्री जी से जानना चाहता हूं कि क्या अब उनकी सरकार और बीजेपी ने सभी लोकतांत्रिक तरीके छोड़ दिए हैं और जनता के बीच पूरी तरह से पैर उखड़ने के बाद कांग्रेस पार्टी के ऊपर सीधा हमला करने का मन बना लिया है। मुख्यमंत्री जी, अगर आपकी लोकतंत्र में जरा भी आस्था है तो तोड़फोड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें। वहीं, मध्य प्रदेश में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो। मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भी कहना चाहता हूं कि उन्हें अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए।
जनता सब समझती है
सांसद विवेक तंखा ने कहा- जबलपर के कलेक्टर और एसपी से आशा की है कि ऐसे तत्व के विरुद्ध , शीघ्र अति शीघ्र कड़ी कार्रवाई कर अपनी प्रशासनिक निष्पक्षता और संविधान के प्रति प्रतिबद्धता सिद्ध करें। कांग्रेस के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए। मध्य प्रदेश की 8 करोड़ जनता समझती है, यह सब कौन करवा रहा है। घटना के बाद कांग्रेसियों ने कोतवाली थाना घेराव किया। इस दौरान विधायक तरुण भनोट, विधायक लखन घनघोरिया, महापौर जगत बहादुर सिंह सहित तमाम बड़े कांग्रेस कार्यकर्ताओं पदाधिकारी मौजूद रहे।