ओपी नेमा, Jabalpur. खेलने-कूदने के दिन में नन्हें हाथों पर मेहंदी लगाने की तैयारी कर ली गई थी। मंडप सज गया, मेहमानों को भी बुला लिया गया। सात फेरे लेने की अंतिम तैयारियों को पूरा किया जा रहा था। लेकिन ऐन मौके पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने पहुंचकर सारी तैयारियों पर पानी फेर दिया। नाबालिग मासूम को कच्ची उम्र में दुल्हन बनने से रोक दिया। पूरा मामला बरगी विधानसभा के शहपुरा ग्राम कौलोन का है। यहां पर एक पिता गोविंद सिंह और उनके रिश्तेदारों ने 15 साल की मासूम गायत्री का विवाह तय कर दिया था। निर्धारित कार्यक्रम के तहत मासूम का विवाह होने वाला था। लेकिन महिला एवं विकास विभाग को इसकी जानकारी मिली, तो मौके पर जाकर बाल विवाह को रूकवा दिया। इस दौरान अधिकारियों ने परिजनों को समझाइश दी गई कि, वह 18 वर्ष होने के बाद ही लड़की का विवाह कराएं।
शिकायत मिलने पर हुई कार्रवाई
शहपुरा बाल विकास आंगनवाडी परियोजना अधिकारी डॉक्टर कांता देशमुख ने बाताया कि, शिकायत मिली थी कि, गांव कुलोन में नाबालिग का विवाह कराया जा रहा है। इसके बाद कलेक्टर के निर्देशानुसार शहपुरा एसडीएम अनुराग सिंह के मार्गदर्शन में बाल विवाह रुकवाया गया। उन्होंने बताया कि ग्राम कुलोन की बालिका उम्र 15 वर्ष का विवाह बेलखेड़ा पावला निवासी अजय के साथ होने जा रहा था।
माता पिता से भरवाया गया शपथ पत्र
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं बालिका की अंकसूची के अनुसार जन्मतिथि 09/02 /2007 है। उक्त प्रमाण के आधार पर माता पिता और परिवार वालों को समझाइश देकर बाल विवाह का कार्यक्रम रोक दिया गया माता-पिता ने शपथ पत्र लिखा की पुत्री के 18 वर्ष होने के बाद ही विवाह करेंगे। कार्रवाई के दौरान परियोजना अधिकारी पुलिस विभाग की टीम मौजूद रही।