Satna. मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) का एक जिला वन्य प्राणियों के शिकार मामले में अक्सर सुर्खियों में रहता है। इस जिले में एक बार फिर एक वन्य प्राणी का शिकार किया गया है। इसके बाद से वन विभाग में हड़कंप की स्थिति बन गई है। ताजा मामला सतना(satna) वनमंडल के मझगवां उपवनमंडल का है। यहां के बिरसिंहपुर से सटे गांव पगारकला के चकरा नाला के पास तेंदुआ (Leopard) का शव मिला है। ये क्षेत्र बिरसिंहपुर (Birsinghpur) से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर है। बताया जा रहा है कि चकरा नाला के पास नरेन्द्र पाठक (Narendra Pathak) नामक व्यक्ति के खेत में तेंदुआ की शव मिला है। माना जा रहा है कि तेंदुआ का शिकार बिजली का करंट देकर किया गया है। वन विभाग के आला अफसर इस समय कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। तेंदुआ के शरीर में चोट के निशान मिले हैं। ऐसा माना जा रहा है कि तेंदुआ चकरा नाले में पानी पीने के लिए आया होगा। ये चार माह बाद दूसरी बड़ी वारदात है, इससे पहले 9 दिसंबर 2021 को चित्रकूट (Chitrakoot) के अनुसुइया जंगल में 3 साल के तेंदुआ का शव मिला था। इसे ग्रामोदय के छात्रों ने खोज निकाला था।
पिछले साल फरवरी में ज्यादा शिकार
सतना वनमंडल इन दिनों वन्य प्राणियों का कत्लगाह बना हुआ है। 2021 की बात करें तो 6 तेंदुओं का शिकार किया गया है, जिसमें करंट लगाकर मारना प्रमुख कारण था। वन विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल फरवरी में ज्यादा तेंदुओं का शिकार किया गया । 7 फरवरी 2021 को नागौद के पहाड़ी के चाऊतरहा (Chautara Village) गांव में लाश मिली थी। इसके बाद 14 फरवरी 2021 को मैहर के सभागंज, 16 फरवरी 2021 को चित्रकूट के पालदेव और 19 मई 2021 को अमरपाटन के गोरसरी पहाड़ में तेंदुआ के दो शावकों को शिकार किया गया था।
अब तक इतने वन्य प्राणियों का शिकार
- 2011 -21