संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की क्या कार्यशैली है, इसका खुलासा जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग की टीम के निरीक्षण में सामने आया है। इसके बाद कलेक्टर डॉ. इलैयाराजाटी के आदेश पर सीएमएचओ ने एक डॉक्टर को नोटिस दिया है। वहीं, दो डॉक्टरों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इस तरह की शिकायतें सामने आई, इन पर हुए नोटिस
- स्वास्थ विभाग की टीम द्वारा कुछ दिन पहले ज्योति मल्टी स्पेशलिएटी अस्पताल में निरीक्षण किया गया। इस दौरान वहां पर देपालपुर में पदस्थ शिशु रोग डॉ. संजय सिमलोट में पदस्थ सरकारी डॉक्टर उपचार करते पाए गए। इस पर स्वास्थ विभाग ने शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि आप निरीक्षण के समय निजी अस्पताल में उपचार करते पाए गए और शासकीय ड्यूटी पर अनुपस्थित पाए गए और इसकी कोई सूचना भी नहीं दी गई। यह शासकीय कदाचार की श्रेणी में आता है। विभाग ने डॉ. सिमलोट को नोटिस जारी किया है।
एक अन्य मामले में प्रशासन को शिकायत मिली थी कि महू के सिविल अस्पताल में पदस्थ और शासन से बांडेड पीजी आर्थो डॉक्टर उपेंद्र तिवारी निजी स्तर पर अपना क्लिनिक चला रहे हैं, साथ ही वह निजी अस्पताल में हजारों रुपए लेकर ऑपरेशन कर रहे हैं। विभाग ने उनकी जांच के आदेश दिए हैं।
महू के सिविल अस्पताल में ही पदस्थ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रीना चूरहारी की भी शिकायत मिली है, इसके भी जांच के आदेश हुए हैं।
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अटेंडेंस ऐप से कन्नी काट रहे डॉक्टर
शासकीय अस्पतालों में उपस्थिति को लेकर सख्ती करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने सार्थक ऐप लागू किया, जिस पर ऑनलाइन उपस्थिति होना है। लेकिन देखने में आया है कि इन पर ऑनलाइन उपस्थिति लगाने से कई डॉक्टर अभी भी कन्नी काट रहे हैं। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग का जोर भी नहीं चल रहा है।