BHOPAL. मध्यप्रदेश में पहली बार किसी भू-माफिया को मनी लॉन्ड्रिंग केस में सजा सुनाई गई है। भोपाल कोर्ट ने भू-माफिया रमाकांत विजयवर्गीय को 5-5 साल की जेल के साथ 50-50 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। इस मामले में अभियोजन पक्ष के वकील साबिर सिद्दिकी ने बड़ा दावा किया है, सिद्दिकी ने कहा है कि ये मामला मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ और गुजरात में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मिली सजा का पहला मामला है, इससे पहले देश में इस तरह के 23 मामलों में दोषियों को सजा सुनाई जा चुकी है।
विजयवर्गीय पर दर्ज हैं धोखाधड़ी के 74 केस
रमाकांत विजयवर्गीय के खिलाफ धोधाखड़ी के 74 मामले दर्ज हैं, भोपाल में पंचवटी फेस-3 में प्लाट देने का झांसा देकर रमाकांत पर 243 लोगों से 107 करोड़ की ठगी करने का आरोप था। ईडी ने राऊ, इंदौर में उसकी 39 लाख रुपए की संपत्ति भी जब्त की हुई है। पहले भी 6-7 मामलों में रमाकांत को सजा सुनाई जा चुकी है। और अन्य मामलों पर कोर्ट में ट्रायल जारी है।
इंजीनियर से जालसाज बना रमाकांत
उज्जैन के कॉलेज से रमाकांत ने साल 1976 में इंजीनियरिंग की था, इसके बाद कॉन्ट्रैक्ट लेकर सरकारी विभागों में काम करना शुरू किया। 2002 में भोपाल में एयरपोर्ट रोड पर पंचवटी फेज-1 पर भी काम किया और इसके बाद फेज-2 और फेज-3 पर प्लॉटिंग शुरू कर दी थी। किसानों से एग्रीमेंट कर लोगों से पैसे ले लिए। इस बीच, किसानों से हुए मनमुटाव के चलते प्रोजेक्ट अटक गया। और रमाकांत ने ग्राहकों से ली गई रकम हड़प ली। साल 2010 में कोहेफिजा थाने में रमाकांत के खिलाफ धोखाधड़ी का पहला केस दर्ज किया गया था। इसके बाद इसी थाने में रमाकांत के खिलाफ 22 मामले दर्ज हो चुके थे।
पुलिस से बचने के लिए बदला भेष, नाम बदला
रमाकांत ने पुलिस से बचने के लिए अपना हुलिया बदल लिया था, भोपाल में ठगी के बाद इंदौर में फ्लैट लेकर रामकुमार व्यास नाम से रहने लगा था। रामाकंत ने अपना हुलिया दाढ़ी और बाल बढ़ाकर बदल लिया था। साल 2020 में पुलिस ने रमाकांत को भोपाल आते समय गिरफ्तार कर लिया था।