SHAHDOL: 5 करोड़ के पुल का स्लैब भरभराकर गिरा, बांध से अचानक छोड़ दिया था पानी, अफसर बोले- मना किया था, चिठ्ठी भी लिखी थी

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Rahul Tiwari
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SHAHDOL:  5 करोड़ के पुल का स्लैब भरभराकर गिरा, बांध से अचानक छोड़ दिया था पानी, अफसर बोले- मना किया था, चिठ्ठी भी लिखी थी

SHAHDOL. यहां के धुरवार नवलपुर रोड में बन रहा पुल भरभरा कर गिर गया।  बांध के पानी को अचानक छोड़ने को कारण माना जा रहा है। बांध के एक निजी कंपनी ने बनाया हुआ है। विभागीय अधिकारी भी इस बात इनकार नहीं कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि अक्सर यह निजी कंपनी बांध ओवर फ्लो होने के बाद बिना किसी सूचना के पानी छोड़ देती है। हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ है। 





शहडोल जिले के धुरवार नवलपुर रोड में 8.4 किलोमीटर दूरी पर लोक निर्माण विभाग के सेतु निर्माण द्वारा ठेकेदार श्रीराम कंस्ट्रक्शन कंपनी बिजुरी के माध्यम से निर्माण कराए जा रहे हैं 150 मीटर लंबे निर्माणाधीन ब्रिज का पिलर 3 और पिलर 4 के बीच का स्लैब 22 जून दोपहर करीब 1:30 से 2:00 बजे के बीच धराशायी हो गया था। इस घटना में किसी के भी हताहत होने की कोई जानकारी नहीं है। पुल का निर्माण एनडीवी योजना के पैकेज क्रमांक सी के अंतर्गत 508. 27 लाख रुपए की राशि से कराया जा रहा है। पुल के गिरने के पीछे के कारणों को लेकर सभी पहलुओं पर चर्चाओं का बाजार गर्म है, जिसमें विभाग एवं ठेकेदार के ऊपर कई प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।





बिना केबल के स्लैब की ढलाई 





जो पुल गिरा, वह केबल आधारित बताया गया है। बताया गया है कि पुल का जो हिस्सा टूटकर गिरा है, उसमें केबल डालने का काम नहीं हुआ था। पूल में केबल डालने की कवायद शुरू हो चुकी थी, यदि तीन से चार दिन का समय मिलता तो शायद स्थितियां कुछ और हो सकती है। एक बात और है कि मध्यप्रदेश शासन की गाइडलाइन में है कि 15 जून से 15 अक्टूबर के बीच पुल के निर्माण नहीं कराए जाएं इसकी वजह यह है कि पानी का बहाव और वातावरण की नमी पुल के निर्माण के लिए ठीक नहीं मानी जाती है। सरकार की उक्त गाइडलाइन का उल्लंघन या मनमानी करते हुए पुल के स्लैब की ढलाई कराई गई जिस कारण पुल भरभरा कर गिर गया। 





बहाव और गहराई वाला हिस्सा गिरा 





वही पुल गिरने के मामले में एक महत्वपूर्ण बात सामने आ रही है कि पुल के जो हिस्सा टूटकर गिरा है वह पुल के सबसे बीच का नदी के सबसे अधिक गहराई और बहाव क्षेत्र का है जिसमें अनूपपुर में सोन नदी पर बने बांध के ओवरफ्लो होने पर छोड़े गए पानी के कारण अचानक से बढ़े जलस्तर को भी एक कारण बताया जा रहा है। बहरहाल घटना में किसी भी प्रकार के जान और माल के नुकसान नहीं हुआ है लेकिन लोगों को पुल से होने वाली सुविधा में देरी जरूर हो सकती है।





ठेकेदार की मनमानी, अधिकारियों की चिठ्ठी बेअसर 





तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, उपयंत्री एलपी पयासी, कंसल्टेंसी ए आर ई एंड इजी प्रोजेक्ट राजकुमार द्विवेदी द्वारा लगातार पत्राचार के माध्यम से ठेकेदार श्री राम कंस्ट्रक्शन कंपनी को पी 3 से पी 4 के बीच की स्लैब निर्माण को रोकने के लिए लगातार कहा गया लेकिन ठेकेदार ने अपनी जिम्मेदारी पर निर्माण को बदस्तूर जारी रखा और कल वही हुआ जिसकी चिंता विभाग लगातार कर रहा था। बहरहाल पुल गिरने के गुणवत्ता जैसे कारणों की जानकारी विशेषज्ञों की टीम की जांच के बाद भी कहा जा सकता है।





अधिकारी ने माना- बहाव में टूटा पुल 





लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण के कार्यपालन यंत्री प्रभाकर सिंह परिहार ने द सूत्र से कहा कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 15 जून के बाद स्लैब की ढलाई नहीं किया जाना चाहिए था। नदी में काम नहीं करना था। विभाग द्वारा लगातार ठेकेदार को निर्माण कार्य रोकने के लिए कहा गया था। अनूपपुर मोजर बेयर प्लांट के लिए बने सोन के बांध से अचानक छूटने वाले पानी के कारण भी पुल टूट सकता है।



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