GWALIOR. बीजेपी के निष्कासित नेता प्रीतम लोधी द्वारा दशहरा मिलन समारोह के नाम पर हथियारबंद लोगों को बुलाकर बड़ी सभा करने का वीडियो वायरल होने के बाद उन समर्थकों के शस्त्र लाइसेंस रद्द किए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। हथियार लहराने का ये वीडियो देशभर के लोगों को भले ही चौंका रहा हो लेकिन ग्वालियर-चम्बल अंचल में ये आम बात है। कम्बल अंचल के लोगों का हथियारों से प्रेम जग जाहिर है। इस अंचल में दो लाख से ज्यादा लाइसेंसी हथियार है और खास बात ये है कि अंचल के जिलों में अभी भी 20 हजार से ज्यादा लोग शस्त्र लाइसेंस हासिल करने की होड़ में लगे हैं।
कसेगा लोधी पर शिकंजा
बीते तीन महीनों से मध्यप्रदेश सरकार और बीजेपी को मंच से खड़े होकर खुली चुनौती देने वाले भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित नेता प्रीतम लोधी पर पर शिकंजा कसने के मूड में सब सरकार आ गई है। ग्वालियर के कलेक्टर ने प्रीतम लोधी के कुछ समर्थकों के शस्त्र लाइसेंस कर संकेत दे दिए हैं कि लोधी के उन सभी समर्थकों के शस्त्र लाइसेंस रद्द किये जाएंगे जिन्होंने दशहरा मिलन समारोह के नाम पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की थी और बन्दूक हाथ में लेकर अन्याय न सहने की शपथ ली थी। माना जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री के दौरे के बाद प्रीतम पर भी सरकार का सीधा शिकंजा कसेगा।
कलेक्टर ने जारी किया आदेश
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कल आनन-फानन में एक आदेश जिला दंडाधिकारी की हैसियत से जारी किया। इसमें कहा गया है कि थाना पुरानी छावनी के प्रतिवेदन को सीएसपी महाराजपुरा द्वारा पुलिस अधीक्षक के जरिए उन्हें भेजा गया है इसमें लेख किया गया है कि विगत 12 अक्टूबर को थाना पुरानी छावनी इलाके के तलवार वाले हनुमान मंदिर के पास मैदान में प्रीतम लोधी और उसके समर्थकों द्वारा दशहरा मिलन समारोह और शस्त्र पूजा का आयोजन किया गया था। इसमें खुले आम शस्त्र प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रदर्शित हुए हैं। इससे भय व्याप्त है। इसमें शामिल सभी लोगों के नामों की पहचान तत्काल संभव नहीं होने से इसके कतिपय नजदीकी लोगों जगदीश लोधी निवासी अकबरपुर, धर्मेंद्र बघेल निवासी ब्रह्मा का पुरा, देवेंद्र सिंह सरदार निवासी जलालपुर, किशन लोधी निवासी जलालपुर, धीरेन्द्र यादव निवासी गंगा मालनपुर, राधेश्य लोधी निवासी जलालपुर, वासुदेव वासुदेव यादव और सुनील यादव निवासी जलालपुर के शस्त्र लाइसेंस तत्काल प्रभाव से तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाते हैं क्योंकि इनकी गतिविधियां संदिग्ध है।
यह हुआ था घटनाक्रम
विगत 12 अक्टूबर को प्रीतम लोधी ने पिछड़ा वर्ग संगठन के बैनर तले पुरानी छावनी थाना इलाके में स्थित तलबार वाले हनुमान मंदिर के पास दशहरा मिलन और सशत्र पूजन समारोह आयोजित किया था इसमें बड़ी संख्या में उसके बन्दूक लेकर समर्थक पहुंचे थे। इस मौके पर बन्दूक उठाने से हिचक रहे लोगों से प्रीतम लोधी ने यह भाषण दिया था कि न अत्याचार करेंगे न देखेंगे और सहन तो बिल्कुल नहीं करेंगे। लोधी ने हिचकने वाले लोगों से कहा था डरो नहीं मैं एक भी लाइसेंस रद्द नहीं होने दूंगा। किसी का लाइसेंस रद्द नहीं होगा।
वीडियो वायरल होने पर मचा हड़कंप
दशहरा मिलन समारोह में हथियार लहराने और लोधी के इस विवादित भाषण का वीडियो कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर देशभर में जमकर वायरल हुआ और टीवी से लेकर अखबारों तक में खूब छाया रहा।
मंत्री बोले थे कानून अपना काम करेगा
इस मामले पर सभी नेताओं ने चुप्पी साध रखी थी। हथियारों का यह प्रदर्शन जिस क्षेत्र में हुआ था वह इलाका ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के विधानसभा क्षेत्र में आता है लेकिन वायरल वीडियो पर वे भी बचते नजर आये थे। बार-बार पूछने पर उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा था-कानून अपना काम करेगा।
कलेक्टर ने अपनाया कड़ा रुख
बताते हैं कि हथियारों का वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर ने इस पर कड़ा रुख अपनाया। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह 14 अक्टूबर को ग्वालियर में मीडिया से चर्चा के दौरान कहा था कि हम जितने भी लाइसेंस धारक थे उनकी पहचान कराकर हथियार लाइसेंसों को सस्पेंड करने की कार्रवाई कर रहे हैं, जितनी भी लोग वहां मौजूद थे उनके लाइसेंस सस्पेंड होंगे और उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कल कलेक्टर ने एक आदेश जारी कर पुरानी छावनी क्षेत्र के रहने वाले प्रीतम समर्थक 8 लोगों के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए हैं, बकायदा इसका आदेश भी शाम को जारी कर दिया।
अब तक 20 से 25 लोगों की हुई शिनाख्त
प्रशासनिक सूत्र की मानें तो वायरल हुए वीडियो में अब तक 20 से 25 लोगों की पुष्टि की बात बताई जा रही है। इनका रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। पुलिस को कहा गया है कि इनके नाम पते की एक सूची बनाई जाए ताकि इनके लाइसेंस सस्पेंड किए जाएं। सूत्रों का दावा है कि जल्द ही इस सूची में वीडियो के अध्ययन करने के बाद बड़ी संख्या में ऐसे नाम भी जुड़ सकते हैं जिनके पास लाइसेंसी हथियार हैं और वह कई अपराधों में लिप्त है।
प्रीतम पर भी कसेगा शिकंजा
सूत्रों का कहना है कि सरकार अब सीधे प्रीतम लोधी पर भी शिकंजा कसने का मन बना चुकी है। बस इन्तजार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ग्वालियर दौरे के निपट जाने का है।
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि जल्द ही ग्वालियर जिला प्रशासन BJP से निष्कासित प्रीतम लोधी पर एंटी माफिया मिशन के तहत एक्शन ले सकता है। प्रीतम लोधी के खिलाफ पहले से ही अनेक थानों में दर्जनों संगीन आपराधिक मामले दर्ज रहे हैं हालांकि उसका कहना है कि उनमें से किसी भी मामले में अब तक सजा होना तो दूर उस पर कोई जुर्माना भी नहीं हुआ और उन सब मामलों में वो बरी हुआ है। बीजेपी से निकाले जाने के बाद लोधी ने ग्वालियर -चम्बल अंचल में बड़ी सभाएं की जिसमें भारी भीड़ उमड़ी है। इसके अलावा बुंदेलखंड इलाके में भी भी अनेक भीड़ वाली रैलियां करके शासन और बीजेपी को चुनौती दे चुके हैं लेकिन लोधी वोट बैंक खिसकने के भयवश बीजेपी की सरकार उन पर कार्रवाई करने से बच रही है।
ब्राह्मणों पर की थी टिप्पणी
प्रीतम लोधी बीते 3 महीनों से पूरे मध्यप्रदेश में चर्चा में और मीडिया में सुर्खियों में हैं। इसकी शुरुआत 17 अगस्त को शिवपुरी जिले में वीरांगना रानी अवन्ति बाई के बलिदान दिवस पर आयोजित लोधी समाज के एक समारोह में हुई थी जिसमें उन्होंने कथावाचकों और ब्राहम्णो को लेकर आपत्तिजनक बातें कही थी। इसका वीडियो वायरल होने का बाद पूरे प्रदेश में हंगामा मच गया था। गुस्साए ब्राह्मण समाज ने जगह-जगह इनके खिलाफ प्रदर्शन कर भावनाएं भड़काने के आरोप में थाने में एफआईआर भी करवाई। इस बीच बाघेश्वर धाम के कथावाचक हीरेन्द्र शास्त्री ने भी इस मामले में अपनी कथा के दौरान टिप्पणी कर दी थी। इसके जबाव में लड़ोही ने भी फिर आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग किया था।
बीजेपी ने पार्टी से निकाला
मामला बढ़ने पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने लोधी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसके बाद वे भोपाल जाकर प्रदेश अध्यक्ष से मिले और अपना पक्ष रखा साथ ही मामले पर लिखित में माफी मांगी लेकिन बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसके बाद से ही लोधी लगातार बीजेपी को चुनौती दे रहे हैं। इनके खिलाफ कई थानों में केस दर्ज हुए लेकिन वे निर्भीक होकर अपनी भीड़ भरी रैलियां करते आ रहे हैं हालांकि अभी तक पुलिस ने उनसे पूछताछ भी नहीं की है।