जबलपुर में 1 साल का बच्चा मोतियाबिंद से पीड़ित, स्वास्थ्य महकमे ने 22 पीड़ित बच्चे किए चिन्हित

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
जबलपुर में 1 साल का बच्चा मोतियाबिंद से पीड़ित, स्वास्थ्य महकमे ने 22 पीड़ित बच्चे किए चिन्हित

Jabalpur. वैसे तो मोतियाबिंद की बीमारी अक्सर 60 से ऊपर की उम्र के लोगों में देखी जाती थी, लेकिन अब छोटे-छोटे बच्चे भी इस दृष्टिरोग से पीड़ित होते जा रहे हैं। जिले में मोतियाबिंद के एक दो नहीं बल्कि 22 मामले सामने आ चुके हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इनमें से एक बच्चा तो महज 1 साल का है जिसे इस बीमारी ने जकड़ लिया है। डॉक्टरों का मानना है कि गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक दवाओं के सेवन के कारण बच्चों में यह बीमारी हो रही है। किसी-किसी बच्चे में मोतियाबिंद जेनेटिक कारणों से भी होना पाया गया है। 



हर साल बढ़ता जा रहा ग्राफ



बच्चों में मोतियाबिंद का ग्राफ हर साल बढ़ रहा है। पिछले साल 8 बच्चों में मोतियाबिंद पाया गया था, लेकिन इस साल 22 बच्चों में ये देखा गया, ऐसा केंद्र सरकार के आरबीएसके प्रोजेक्ट के तहत बच्चों का डेटा रखा गया, जिसमें यह जानकारी सामने आई। आरबीएसके की टीम जिले भर में बच्चों में होने वाली विभिन्न बीमारियों की खोज के तहत घर-घर सर्वे करती है। 



नजर में आता है धुंधलापन



बच्चों में जब लैंस धुंधला हो जाता है तो प्रकाश की किरणें रेटिना पर स्पष्ट रूप से फोकस नहीं हो पातीं। जिसके कारण बच्चे जो कुछ भी देखते हैं वह धुंधला दिखाई देने लगता है। इसके कारण दृष्टि बाधित होने को मोतियाबिंद या सफेद मोतिया कहा जाता है। जिसके कारण पढ़ने, नजर का काम करने, वाहन चलाने में काफी दिक्कत होती है। कभी-कभी आंख में चोट लग जाने के कारण भी यह दिक्कत हो जाती है। 



5 साल के नीचे नहीं लग पाता लैंस



चिकित्सकों ने बताया कि मोतियाबिंद की बीमारी को दूर करने के लिए आंखों में लैंस डाला जाता है। लेकिन इतनी छोटी उम्र में बच्चों को लैंस डालना संभव नहीं है। कम से कम 5 साल की उम्र के ऊपर के बच्चों में ही लैंस डाला जाता है। अभी कुछ बच्चे जिनकी उम्र कम है उन्हें सिर्फ चश्मा दिया गया है, 5 साल की उम्र पूरी होते ही उन्हें लैंस दिया जाएगा। जिला अस्पताल के नेत्र विशेषज्ञ डॉ तरूण अहिरवाल ने बताया कि इस साल चिन्हित किए गए 22 में से 21 बच्चों का मोतियाबिंद ऑपरेट कर दिया गया है। एक बच्चा साल भर की उम्र का है उसे केवल चश्मा दिया गया है। 5 साल की उम्र पूरी होने पर उसका ऑपरेशन किया जाएगा।


Jabalpur News जबलपुर न्यूज Children also started getting cataract 22 children turned out to be victims in Jabalpur effect of taking more medicines during pregnancy बच्चों को भी होने लगा मोतियाबिंद जबलपुर में 22 बच्चे निकले पीड़ित गर्भावस्था में ज्यादा दवाएं लेने का असर