अविनाश नामदेव, विदिशा. गंजबासौदा के सरकारी अस्पताल में एक बड़ा झोल सामने आया है। शासकीय राजीव गांधी जन चिकित्सालय में बैटरियों की हेराफेरी हुई है। अस्पताल में लाखों की लागत से सौर ऊर्जा पैनल लगाया गया था। इसमें 120 बैटरी लगाई गई थीं, जिसमें से अब सिर्फ 20 बैटरी ही बची हैं। 100 बैटरी कहां गई किसी को पता नहीं, किसी को खबर नहीं।
120 बैटरी में से 20 बचीं, 100 गायब
बिजली कटौती के दौरान सोलर प्लांट से अस्पताल को बिजली मिल सके, इसके लिए 120 बैटरी लगाई गई थीं। लेकिन अब सिर्फ 20 बैटरी ही बची हैं। 100 बैटरी कहां गई, इसका कोई अता-पता ही नहीं है। सरकारी अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर दीवान का कहना है कि 100 बैटरियां कहां गई, इसका पता नहीं चल पाया है। जबकि ये मामला जांच में आ चुका है।
इलेक्ट्रीशियन नहीं, बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर को कॉन्ट्रैक्ट
बैटरियों के रखरखाव की जिम्मेदारी ऐसे व्यक्ति को दी गई थी, जो पेशे से इलेक्ट्रीशियन नहीं है। वो व्यक्ति एक बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर है। सरकारी अस्पताल बैटरियों के रखरखाव के लिए सालाना 20 हजार रुपए चुका रहा था। पूर्व बीएमओ ने बैटरी मेंटेनेंस के लिए बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर को कॉन्ट्रैक्ट दिया था।
अब अस्पताल को जनरेटर का सहारा
सोलर पैनल में 20 बैटरियां होने से इलेक्ट्रिसिटी बैकअप नहीं मिल पा रहा है। इतनी कम बैटरियां लोड नहीं संभाल पा रही हैं। इसलिए अस्पताल को बिजली गुल होने पर जनरेटर का सहारा लेना पड़ रहा है। लाखों रुपए के सोलर प्लांट को अधिकारियों के लापरवाह रवैये ने बर्बाद कर दिया है।
भ्रष्टाचारियों को राजनीतिक संरक्षण के आरोप
पूरे मामले में जो भी जिम्मेदार और लापरवाह अधिकारी हैं। उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। इसलिए वे इस तरह की बड़ी धांधली कर सके। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष निशंक जैन ने पूरे मामले में भ्रष्टाचारियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के आरोप लगाए हैं। बड़े राजनेताओं की शह में इस तरह के भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया। लाखों का गोलमाल किया गया। आम जनता को इस पूरे मामले में सख्त कार्रवाई का इंतजार है।