Indore. नगर निगम के बेलदार (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) असलम खान के यहां अगस्त 2018 में लोकायुक्त छापे के दौरान घर में 34 लाख का सोना, 13 लाख नकदी मिलने के साथ ही कई संपत्तियों के कागज मिले थे। इन सभी को ईडी की दिल्ली ट्रिब्यूनल ने अटैच को मंजूरी दे दी है। वहीं ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि केवल चार साल 2013-16 के दौरान ही असलम और उनकी पत्नी रेहला के अलग-अलग खातों में एक करोड़ से ज्यादा की राशि नगद में जमा की गई है। इनके द्वारा खरीदी गई संपत्तियां अधिकांश नकद में खरीदी गईं और कुछ में ही चेक जमा हुए।
चेक जारी होने की भी कहानी अजीब है, कुछ दिन पहले नगद में राशि जमा की जाती है और फिर इसी राशि का चेक जारी किया जाता है। वहीं एक और बड़ा खुलासा हुआ है कि लोकायुक्त छापे के बाद भी यह दंपती नकद में अभी भी बैंक खाते में जमा करा रहे हैं। इसके लिए अलग से एक बैंक में खाता खुलवाया गया और आयकर से बचने के लिए 49-49 हजार रुपए की राशि जमा कराई जा रही है, ताकि बैंक में जमा कराने के लिए पैन की जरूरत नहीं लगे।
जांच में यह भी सामने आया
- असलम के वेतन से 20 साल में कमाई केवल 18 लाख बनती है लेकिन उसकी संपत्तियों की कीमत डेढ़ करोड़ से ज्यादा है।
भाई के नाम आईडीए से प्लॉट लिया
जांच में सामने आया है कि असलम ने अपने भाई के नाम पर आईडीए से करीब साढे़ तीन लाख रुपए में अडंर वैल्यूएशन करके एक प्लॉट लिया और सात दिन बाद ही इसे असलम को गिफ्ट डीड कर दिया जिससे साफ है कि यह राशि असलम की ही थी।
ये संपत्तियां होंगी अटैच
- 11 गोल्ड बार और एक गोल्ड बिस्किट (34 लाख ), कैश 12 लाख, कार।