संजय गुप्ता/योगेश राठौर, INDORE. महानगरों में व्यवस्थित विकास काम हो, इसी मंशा से सरकार ने विकास प्राधिकरण बनाए। इंदौर में भी इंदौर विकास प्राधिकरण यानी आईडीए बना। शुक्रवार को द सूत्र ने मुद्दा उठाया था कि 6 हजार से ज्यादा परिवार भूमाफिया की जगह आईडीए से पीड़ित हैं और इनकी नजर में आईडीए ही इंदौर का सबसे बड़ा भूमाफिया है।
कॉलोनियों को स्कीम से बाहर नहीं कर रहा IDA
आईडीए की स्कीम में 114 कॉलोनियां हैं, जो सालों से विकास की राह देख रही हैं। आईडीए ना विकास कर रहा है, ना मुआवजा दे रहा है और ना ही स्कीम से मुक्त कर रहा है। 30 साल से लड़ रहे इन पीड़ितों ने अब एक बार फिर आईडीए में जाकर अपनी पीड़ा और गुस्सा बयां किया है।
'आईडीए जैसा अत्याचारी विभाग नहीं देखा'
पुष्पविहार रहवासी संघ के अध्यक्ष एनके मिश्रा ने द सूत्र से कहा कि मैं भी सरकारी अधिकारी रहा हूं लेकिन क्या एक सरकारी विभाग इतना अत्याचारी हो सकता है। प्राधिकरण जैसा अत्याचार कहीं नहीं देखा। हमने 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है, नहीं तो 25-30 हजार लोगों की बद्दुआ लगेगी। हम लोग सड़कों पर बैठेंगे और आंदोलन करेंगे। सितंबर 2020 में आए नियम का पालन क्यों नहीं हो रहा है, इसका जवाब प्राधिकरण के पास नहीं है।
वीडियो देखें..आईडीए को 15 दिनों का अल्टीमेटम, कॉलोनियों को स्कीम से बाहर करे वरना आंदोलन
ब्यूरोक्रेसी से परेशान, सीईओ के पास फाइल देखने का समय नहीं
रहवासी संघों ने आईडीए चेयरमैन जयपाल सिंह चावड़ा से कहा कि सीईओ के पास फाइल देखने का समय ही नहीं है। वे मिलने का समय नहीं देते हैं। ब्यूरोक्रेसी से परेशान हैं, वे आपके पास हमारी फाइल, पीड़ा पहुंचने तक नहीं देते हैं। दिल्ली से लेकर राज्य में आपकी सरकार है और इसके बाद भी हमारी ये दुर्गति हो रही है।
आईडीए चेयरमैन बोले करेंगे प्रकाशन
उधर आईडीए चेयरमैन जयपाल सिंह चावड़ा ने द सूत्र से चर्चा में कहा कि कॉलोनी वाले मिले हैं। इसे दिखवा रहे हैं और जो भी नियमानुसार राशि बनती है और यदि स्कीम 117 के दायरे में आ रही 13 कॉलोनियों द्वारा ये राशि भर दी जाती है तो फिर स्कीम से मुक्त किया जा सकता है।
IDA का एक और कारनामा
इधर आईडीए का एक और कारनामा सामने आया है। आईडीए ने विकास कार्यों की समीक्षा बैठक सोमवार को आयोजित की। इसमें सांसद शंकर लालवानी, चावड़ा के साथ नवनियुक्त उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला के साथ बीजेपी नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे भी उपस्थित थे। वे किस हैसियत से बैठक ले रहे थे, इसका जवाब आईडीए के पास नहीं है। बैठक में आईडीए के अधिकारी उपस्थित थे। खुद रणदिवे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस बैठक की जानकारी और फोटो शेयर की।