Bhopal. राजधानी भोपाल से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 15 वर्षीय बालक को बिरयानी इतना पसंद था कि उसके चलते वह घर से पैसे लेकर भाग गया। उसे बिरयानी पसंद था, लेकिन घर वाले उसकी सेहत को देखते हुए उसे बिरयानी खिलाने से बचते थे। उसने घर में रखे पैसों से ढाई हजार रुपए बिरयानी खाने में खर्च कर दिए। परिवार वालों को पता चलेगा तो उसे डांट पडे़गी, इसलिए घर छोड़कर कुछ और पैसे लेकर भाग गया।
बिरयानी के लिए घर से चुराए पैसे
किशोर सागर का रहने वाला है। वह भोपाल आने वाली एक ट्रेन में चढ़ गया। इस बीच वह भोपाल में रेलवे चाइल्ड लाइन ने उसे रेस्क्यू किया। यहां बच्चे ने अनेक कहानियां सुनाई, लेकिन जब टीम माता-पिता से पूछताछ की तो बच्चे के बिरयानी के शौक की बात सामने आई। किशोर को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के आदेश पर उसके अभिभावकों को सौंप दिया गया है। किशोर अपने साथ कुछ पैसे लेकर निकला था। काउंसलिंग में उसने कहा कि वह इंदौर में रहकर पढ़ता है और घर जा रहा था। उसने कहा कि वह बीमार रहता है और इसलिए दवाई के लिए यह पैसे साथ में हैं।
कई चरण की काउंसलिंग के बाद भी किशोर ने अपने माता-पिता का असल नाम या पता नहीं बताया। हालांकि, बातचीत में उसने स्थानीय थाना क्षेत्र का जिक्र किया। टीम ने जब थाने में बात की तो वहां किशोर की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज थी। इसके बाद उसके माता-पिता से संपर्क हो सका। रेलवे चाइल्ड लाइन समन्वयक संजीव जोशी ने बताया कि किशोर के माता-पिता और किशोर तीनों की काउंसलिंग की गई। इसके बाद सीडब्ल्यूसी के आदेश के बाद किशोर को परिवार को सौंपा गया।
पिता के डर से भागा बच्चा
काउंसलिंग में किशोर ने कहा कि वह 11वीं कक्षा में पढ़ाई करता है। उसके माता-पिता काम के लिए गांव से बाहर जाते थे और कई बार 15 दिन से ज्यादा बाहर रहते थे, इसलिए वह घर में रखे पैसे बिरयानी खाने में खर्च करता रहा। जब उसे पता चला कि वो लोग वापस आने वाले हैं तो चिंता होने लगी। उसे लगा कि अब पापा बहुत मारेंगे। इसी डर से उसने घर छोड़ने का फैसला किया। किशोर ने कहा कि उसने तय कर लिया था कि वह दोबारा कभी घर नहीं जाएगा। उसने सोचा था कि वह बहुत दूर किसी जगह जाकर काम करेगा और अपना खर्च खुद उठाएगा। वहीं पिता ने कहा कि बेटे के दिल में छेद है, जिसका आपरेशन हो चुका है। इस कारण उसके खान-पान में परहेज बरतते हैं।