BHOPAL. बीजेपी ने चुनाव से पहले लोगों को अपना विकास दिखाने के लिए विकास यात्रा निकाली, लेकिन इस विकास यात्रा में विकास कम और विरोध ज्यादा नजर आया। कहीं ये विरोध अगली सरकार के लिए अवरोध ना बन जाए, इसके लिए बीजेपी ने बड़ा प्लान तैयार किया है। प्रदेश में 16 लाख लोग इस विरोध को खत्म करने के लिए लगाए जा रहे हैं। क्या है ये पूरा प्लान आइए आपको बताते हैं।
विकास यात्राओं का विरोध
बीजेपी की नई चुनावी रणनीति की कहानी विकास यात्राओं से शुरु होती है। हाल ही में बीजेपी के विधायकों और नेताओं ने पूरे प्रदेश में विकास यात्रा निकाली। मकसद साफ था लोगों को चुनाव के पहले सरकार का विकास दिखाना। विकास के नाम पर यात्रा निकली तो लोग भड़के और विरोध शुरु हो गया। कई नेताओं को उल्टे पांव वापस लौटना पड़ा। बीजेपी संगठन ने इसे गंभीरता से लिया और अपने लिया चुनाव के पहले मिले फीडबैक को संजीवनी बता दिया।
बीजेपी के स्पेशल 16 लाख
कहानी यहां से आगे बढ़ती है। संगठन ने इस विरोध को समर्थन में बदलने की तैयारी की। इसके लिए बूथ विस्तारक अभियान सीजन-2 शुरू किया गया। इसके लिए बूथ पर मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सभी बड़े नेता गए और वहां समय भी गुजारा। इसके लिए एक और बड़ा प्लान तैयार किया गया। बीजेपी ने पन्ना प्रमुख से भी छोटी इकाई बना दी। अब अर्ध पन्ना प्रभारी की नियुक्ति कर दी गई है। हर बूथ पर एक पन्ने के 2 पेज के 2प्रभारी होंगे। एक पृष्ठ प्रमुख उस पेज पर लिखे हुए 30 लोगों से संपर्क करेगा। इस व्यक्तिगत संपर्क से उनके मन के भाव जानेगा और उनको दूर करने की कोशिश करेगा। ये पेज प्रभारी उसी पेज के 30 लोगों में से एक होगा। प्रदेश की वोटर लिस्ट में करीब 16 लाख पेज हैं। इस हिसाब से पूरे प्रदेश में बीजेपी के 16 लाख कार्यकर्ता तैनात होंगे जो इस विरोध को दूर करेंगे।
बुजुर्गों की नाराजगी भी दूर होगी
बीजेपी अपने बुजुर्ग नेताओं की नाराजगी भी दूर करने जा रही है। बीजेपी के नए कार्यालय के भूमिपूजन में कुछ वरिष्ठ नेता दिखाई नहीं दिए। इनमें रघुनंदन शर्मा, सुमित्रा महाजन,कृष्ण मुरारी मोघे और विक्रम वर्मा जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं। प्रदेश की राजनीति में हाशिए पर पहुंचे ये नेता पार्टी से नाराज नजर आ रहे हैं।
वरिष्ठों को मिलेगी चुनावी जिम्मेदारी
पार्टी अपने वरिष्ठ नेताओं को चुनाव के समय प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपने जा रही है। इसके अलावा जो नेता और कार्यकर्ता टिकट ना मिलने से नाराज होकर प्रदेश मुख्यालय तक आएंगे और भी ये वरिष्ठ नेता संतुष्ट करेंगे।