देव श्रीमाली, GWALIOR. मुरैना में चंबल नदी में बरोठा घाट पर करौली के कैला मंदिर जाने वाले 17 पदयात्रियों के डूबने से हड़कंप मच गया। इनमें से 10 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। वहीं एक शव मिला है। 6 महिलाएं और बच्चे लापता हैं जिनकी तलाश की जा रही है। ये सभी लोग चंबल नदी को पैदल पार कर रहे थे। इसी दौरान वे तेज बहाव में बह गए। सूचना मिलने पर टैंटरा, सबलगढ़ पुलिस, गोताखोरों और SDRF टीम के साथ मौके पर पहुंचकर यात्रियों की तलाश कर रही है। डूबने वाले लोग शिवपुरी के कोलारस के निवासी बताए जा रहे हैं।
ऐसे हुई घटना
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार घटना मुरैना के कोलारस इलाके में चंबल नदी के घाट पर हुई। शिवपुरी के रहने वाले कुछ लोग पैदल राजस्थान में करौली की कैलादेवी के मंदिर के दर्शन करने जा रहे थे। सभी लोग बरोठा घाट के पास चंबल नदी को पैदल ही पार कर रहे थे। इसी दौरान वे पानी में डूब गए। बताया जाता है कि यात्रियों को बताया गया था कि बरोठा घाट पर चंबल में पानी कम है। इसलिए वे पैदल नदी को पार कर रहे थे, लेकिन वहां पर पानी गहरा था। जैसे ही इस बात की सूचना टैंटरा और सबलगढ़ पुलिस को मिली। वैसे ही पुलिस गोताखोरों और एसडीआरएफ के साथ मौके पर पहुंचकर यात्रियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस के इस काम में आसपास क्षेत्र के गांवों के लोग भी मदद कर रहे हैं।
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यहां से जल्दी पहुंचते हैं कैलादेवी
स्थानीय लोगों का कहना है कि मुरैना के रायडी रादेन गांव के पास चंबल नदी का घाट है। इस घाट से होकर पैदल मुरैना से मंडरायल राजस्थान पहुंच जाते हैं। यहां से कैलादेवी पहुंचने में कम समय लगता है।
एक शव मिला
बताया जा रहा है कि शिवपुरी से श्रद्धालुओं का एक दल पैदल कैलादेवी दर्शन करने निकला था, लेकिन ये सब अचानक नदी में डूब गए। हालांकि इनमें से 10 लोगों को तो ग्रामीणों और अन्य यात्रियों ने तत्काल प्रयास करके सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन एक का शव निकला। अभी भी 6 महिलाएं और कुछ बच्चे लापता बताए जा रहे हैं जिनकी तलाश में टीमें जुटीं हुईं हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
मुरैना में हुए हादसे को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने सरकार पर हमला बोला है। गोविंद सिंह ने कहा कि 'हादसे के घंटों बाद भी मौके पर कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है। तो वहीं रेस्क्यू टीम भी शाम को 4 बजे बाद मौके पर पहुंची है, जबकि हादसा सुबह 7 बजे हुआ था। इस हादसे के बाद राहत और बचाव कार्यों में भारी लापरवाही बरती गई है। इस लापरवाही के दोषी सीधे तौर पर मुरैना कलेक्टर और एसपी है। सरकार को तत्तकाल इन दोनों दोषी अफसरों को सस्पेंड करना चाहिए।