GWALIOR. इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। यहां पार्टी के दो बड़े नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बीजेपी के पूर्व संभागीय मीडिया प्रभारी सुबोध दुबे और किसान मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सतेंद्र सिंह गुर्जर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है। साथ ही पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए।
पार्टी नेतृत्व पर लगाया नजर अंदाज करने का आरोप
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कई राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही हैं। ऐसे में नेताओं के दल बदल का दौर शुरू भी गया है। ग्वालियर में बीजेपी के पूर्व संभागीय मीडिया प्रभारी सुबोध दुबे और किसान नेता सतेंद्र सिंह गुर्जर ने बुधवार (31 मई) को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। दोनों नेताओं ने पत्रकार वार्ता करते हुए बीजेपी नेतृत्व पर नजर अंदाज करने का आरोप लगाया।
बड़े नेताओं ने नहीं सुनी हमारी समस्या- सुबोध दुबे
इस्तीफा देने वाले नेता सुबोध दुबे ने कहा कि उन्होंने 20 साल तक पार्टी में सेवक की तरह काम किया है, लेकिन पार्टी में कुछ महत्वाकांक्षी नेताओं के आने से उनके जैसे कर्मठ जमीनी कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज किया जा रहा हैं। सुबोध ने कहा कि उन्होंने अपनी पीड़ा पार्टी के बड़े नेताओं तक पहुंचाई, लेकिन कोई सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। फिलहाल वो किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं होंगे। किसान मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सतेंद्र सिंह गुर्जर ने भी उपेक्षा करने के आरोप लगाए हैं।
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बीजेपी का साथ छोड़ रहे नेता
चुनावी साल में कई नेता बीजेपी का साथ छोड़ कर दूसरी पार्टी का दामन थाम रहे हैं। इससे पहले सिंधिया के गढ़ अशोकनगर की राजनीति में उठा पटक देखी गई थी। यहां बीजेपी के कद्दावर नेता और 3 बार विधायक रहे स्व. देशराज सिंह यादव के बड़े बेटे यादवेंद्र ने बीजेपी छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद यादवेंद्र ने आरोप लगाया था कि सिंधिया के पार्टी में आने के बाद से हमारे कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है।