सीहोर में 10 लाख लोग जुटेंगे!, 25 KM लंबा लगा जाम, एक महिला की मौत, पंडित मिश्रा बोले- मौत आनी होगी तो घर में भी आ जाएगी

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The Sootr
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सीहोर में 10 लाख लोग जुटेंगे!, 25 KM लंबा लगा जाम, एक महिला की मौत, पंडित मिश्रा बोले- मौत आनी होगी तो घर में भी आ जाएगी

BHOPAL. सीहोर के पास स्थित कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव शुरू होने से एक दिन पहले ही भारी तादाद में भीड़ जुट गई। लोगों के हुजूम के आगे की गई व्यवस्था ने घुटने टेक दिए। रुद्राक्ष की उम्मीद में आए लोगों के कारण कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। गुरुवार को लाखों लोगों की भीड़ जुटी हुई है। इस भीड़ को रोकने के लिए बांस और बल्लियों से बने बैरिकेड भी नाकाफी साबित हुए। भीड़ के कारण कई लोगों की तबीयत भी बिगड़ गई। सैकड़ों लोगों को तबीयत खराब होने के कराण अस्पताल जाना पड़ा। हालात ये है कि लाखों लोगों के जुटने पर प्रशासन की सांसे फूली हुई है। आज सुबह तक 5 लाख लोगों को रुद्राक्ष बांटे जाने का आकंड़ा सामने आया है, एक अनुमान के मुताबित सीहोर में 10 लाख लोगों की भीड़ जुटने का अंदेशा जताया जा रहा है। इस कार्यक्रम में शामिल होने आई एक महिला की भी मौत हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का महोत्सव स्थल का दौरा भी निरस्त कर दिया गया है।







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सीहोर में रुद्राक्ष लेने उमड़ी लोगों की भीड़ के कारण हालात बिगड़ गए हैं।







सोशल मीडिया पर हुए प्रचार से उमड़े लोग





लोगों के बीच हर समस्या के निवारण वाला रुद्राक्ष बंटने की खबर सोशल मीडिया के माध्यम से पंडित प्रदीप मिश्रा की टीम ने जमकर प्रचारित की। सोशल मीडिया की मदद से हर परेशान व्यक्ति तक ये मैसेज पहुंचा की उसकी सभी समस्याओं का समाधान इस रुद्राक्ष से हो जाएगा। यही कारण था कि देशभर से लोग अपनी समस्या के निवारण के लिए रुद्राक्ष मुफ्त में पाने के चक्कर में सीहोर पहुंच गए। लोगों का कहना है कि यहां पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है, खाने की बात तो दूर की बात है। लंबे समय तक भूखे-प्यासे रहने से कई लोगों को घबराहट हो रही थी। यहां पानी की बोतलें 50 रुपए में बिकती देखी जा सकती है। हाईवे से कुबेरेश्वर धाम की तरफ जाने वाले सभी प्रमुख रास्ते को पुलिस ने बंद करवा रखा है। सिर्फ पैदल रास्ते से ही लोगों को एंट्री दी गई।





रूद्राक्ष के लालच में न आए लोग: पंडित प्रदीप मिश्रा





पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि लोग मौत से डरते हैं। अगर मौत आनी है तो आएगी ही। भले ही आप घर में ही क्यों न हो। आप 7 तालों में ही क्यों न बंद हो, मौत को आना है तो वह आएगी ही। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जो लोग यहां रुद्राक्ष के लालच में आ रहे हैं, तो वे न आएं। टिकट कैंसिल करा लो। यहां आना है तो महादेव के लिए आओ। रुद्राक्ष के लिए आने की आवश्यक्ता नहीं है।





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22 एकड़ में बनाए 30 से ज्यादा काउंटर





रुद्राक्ष वितरण के लिए कुबेरेश्वर धाम में 22 एकड़ जमीन के अंदर 30 से ज्यादा काउंटर बनाए गए हैं, रुद्राक्ष का वितरण 16 फरवरी से शुरू होना था, लेकिन भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर समिति से बात कर 15 फरवरी से ही शुरु करवा दिया।ताकि लोगों का यहां से जाने का सिलसिला भी शुरू हो सके। यहां 24 लाख से ज्यादा रुद्राक्ष बांटे जाने का लक्ष्य है। सरकार, मंदिर समिति और श्रद्धालुओं की तरफ से की गई सभी व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हुआ है।





90 हजार वर्गफीट के 5 डोम फुल





52 एकड़ में फैले कुबेरेश्वर धाम में मंदिर समिति की तरफ से 18-18 हजार वर्गफीट के 5 डोम बनाए गए हैं। यहां श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था है। शाम तक पूरे डोम फुल हो गए थे। लोगों को यहां भी जगह नहीं मिल पा रही थी। वॉशरूम के बाहर कतारें लगी थीं। उधर, गांव के सुलभ शौचालय पर भी लोग कतार लगाए हुए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।





कांग्रेस का ट्वीट







— MP Congress (@INCMP) February 16, 2023





सीहोर से लौटे द सूत्र के रिपोर्टर राहुल शर्मा की पढ़िए ये रिपोर्ट...







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सीहोर पहुंचे लोगों ने द सूत्र के कैमरे के सामने बताया कि सीहोर में किस तरह की अव्यवस्था फैली हुई है।








कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में रूद्राक्ष महोत्सव के पहले दिन भारी भीड़ के कारण हालात बेकाबू हो गए। 16 फरवरी को यहां देशभर से करीब 10 लाख श्रद्धालु पहुंच गए। जिसके कारण भोपाल इंदौर हाईवे पर कुबेरेश्वर धाम से करीब 8 किमी पहले ही जाम लग गया। रूद्राक्ष लेने के लिए 32 डिग्री की चिलचिलाती धूप में लोग कुबेरेश्वर धाम के लिए 8 किमी पैदल तक चल रहे हैं। हालांकि हालात बेकाबू होने के कारण काउंटर बंद कर दिए गए हैं, जिसके कारण श्रद्धालुओं को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है। इस बीच में कई श्रद्धालु ऐसे भी है जो हर हाल में रूद्राक्ष लेकर ही वापस जाना चाहते हैं, उन्होंने जहां जगह मिली वहां अपना डेरा डाल दिया है। 8 किमी के इस पैदल सफर में पीने के पानी तक का इंतजाम नहीं है। हजारों की संख्या में लोग बीच रास्ते से ही वापस लौट रहे हैं। अव्यवस्था को लेकर लोगों के चेहरे पर गुस्सा साफ नजर आ रहा है। 





पं. मिश्रा से श्रद्धालुओं का सवाल- जब संभाल नहीं सकते तो बुलाया क्यों?





कथा सुनने और रूद्राक्ष लेने के लिए उत्तरप्रदेश के सारनपुर से एक महिलाओं का जत्था 15 फरवरी की रात सीहोर पहुंचा, पर भगदड़ जैसी स्थिति होने से वह कुबेरेश्वर धाम तक पहुंच ही नहीं पाई। घंटो जद्दोजहद करने के बाद भी बीच रास्ते से लौट आई। महिलाओं ने पंडित प्रदीप मिश्रा से सवाल किया कि इतनी पब्लिक बुलाने की क्या जरूरत थी जब आप उन्हें संभाल नहीं सकते। क्या पंडितजी ने लोगों को 14 किमी पैदल चलाने के लिए बुलवाया था। लोग भूखे प्यासे मर रहे हैं। नेटवर्क नहीं मिल पाने से लोग बिछड़ रहे हैं एक दूसरे से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। बुजूर्ग परेशान है, क्या इसलिए ही टीवी पर बड़े-बड़े दावे कर लोगों को यहां मरने के लिए बुलाया गया था। 





टीवी पर व्यवस्था के किए थे बड़े-बड़े दावे





उत्तरप्रदेश से आए सुरेश गोयल ने कहा कि टीवी पर बताया था कि ये व्यवस्था होगी वो व्यवस्था होगी, पर यहां कुछ नहीं है, पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है। जान है तो जहान है, दर्शन नहीं हुए हैं अब हम सीधे घर वापस जा रहे हैं। जलगांव से आए भूषण ने कहा कि इतनी दूर से आने के बाद भी न तो दर्शन हो पाए और न ही रूद्राक्ष मिल पाया। पहले बताया गया था कि 16 फरवरी से रूद्राक्ष बांटे जाएंगे, जिसके कारण हम यहां आए और इन्होंने एक दिन पहले ही रूद्राक्ष बांट दिया। अब वहां पैर रखने तक की जगह नहीं है, जिसके कारण काउंटर बंद कर दिए गए। 





आयोजन स्थल पर न जाने की भी अपील





अव्यवस्था के बीच पंडित प्रदीप मिश्रा पर अटूट श्रद्धा रखने वाले लोग भी दिखे। उन्होंने इस पूरी अव्यवस्था को लेकर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही हालात बेकाबू होने के कारण आयोजन स्थल पर न जाने की भी लोगों से अपील की। 15 फरवरी की रात 12 बजे छत्तीसगढ दुर्ग से भारती साहू सीहोर पहुंची, लेकिन उन्हें रूद्राक्ष नहीं मिल पाया। भारती साहू ने कहा कि यदि लाखों की संख्या में लोग एक साथ पहुंच जाएंगे तो उसमें महाराज जी क्या करेंगे। लोगों को भी धैर्य रखना चाहिए। लोगों को कुछ समय के लिए आयोजन स्थल पर नहीं जाना चाहिए।





कुछ ऐसे भी जो हर हाल में साथ ही लेकर जाएंगे रूद्राक्ष 





बेकाबू हालात, भगदड़, अव्यवस्था के बीच कुछ ऐसे भी श्रद्धालु देखने को मिले, जिन्हें इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता। अमरकंटक से आए श्रद्धालुओं ने कहा कि चाहे जो हो जाए वे रूद्राक्ष लेकर ही जाएंगे। यदि काउंटर बंद हो गए तो क्या वापस खुल भी जाएंगे। कानपुर से आई कांतिबाई को चलने में तकलीफ है, उनका मानना है कि रूद्राछ मिल गया तो उनकी तकलीफ दूर हो जाएगी। लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ में पंजाब लुधियाना से आए जसवीर परमजीत सिंह भी है, जो अपने परिवार के साथ यहां आए हैं। उनका कहना है कि पंडितजी की कही गई हर एक बात और बताए गए समाधान पर उनका पूरा विश्वास है। 





रुद्राक्ष ​​​​के लिए इसलिए जुटी भीड़ 





पंडित प्रदीप मिश्रा कई बार यह बता चुके हैं कि जो रुद्राक्ष उनकी ओर से बांटा जाता  है, उसको पानी में डालना है और उस पानी को पीना है। ऐसा करने से उनकी हर समस्या दूर हो जाएगी। भले ही नक्षत्र खराब हो, बीमारी हो, भूत बाधा हो सब संकट का निवारण हो जाएगा। इस बात का प्रचार टीवी चैनल और सोशल मीडिया के माध्यम से देशभर में किया गया। यही कारण रहा कि देशभर से लोग अपनी समस्या का निवारण करने वाले रुद्राक्ष मुफ्त में पाने सीहोर पहुंच गए।



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