राजनीति के टीलों में फंसे विशाल पर्वतों को लांघने वाले 2 पर्वतारोही, रत्नेश पांडे ने बीजेपी तो मेघा परमार ने थामा कांग्रेस का हाथ

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Rajeev Upadhyay
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राजनीति के टीलों में फंसे विशाल पर्वतों को लांघने वाले 2 पर्वतारोही, रत्नेश पांडे ने बीजेपी तो मेघा परमार ने थामा कांग्रेस का हाथ

Bhopal. मध्यप्रदेश में चुनाव की बयार जमकर चल रही है, मई में लू के थपेड़े तो अभी धीरे-धीरे असर दिखाने की प्रतीक्षा कर रहा है लेकिन अप्रैल महीने की बारिश में भी राजनीति की बयार ने कई फूल खिलाए हैं। हम बात कर रहे हैं प्रदेश के युवाओं के आइकॉन और पर्वतारोहण जैसे अथक परिश्रम वाली फील्ड में अपना नाम रोशन करने वाले पर्वतारोहियों की। बीते दिनों छिंदवाड़ा में कांग्रेस की नारी सम्मान योजना की लॉन्चिंग के वक्त पर्वतारोही मेघा परमार ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। उनके फैसला लेने की देर थी कि उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग की योजना बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेसडरशिप से हटा दिया गया। मेघा ने साल 2019 में माउंट एवरेस्ट पर सफलता का झंडा गाड़ा था, इसके अलावा वे किलीमंजारो समेत अनेक विशाल पर्वतों को लांघने का साहस सफलता के साथ कर चुकी हैं। 




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    मेघा के उलट प्रदेश के एक और पर्वतारोही हैं जिन्होंने अपने जज्बे से माउंट एवरेस्ट को फतह किया, नाम है रत्नेश पांडे जो अप्रैल के महीने में बीजेपी के साथ कसमें वादे खाकर राजनेता बन चुके हैं। पर्वतारोहण एक महंगा शौक है, पर्वतारोहण अभियानों में अपनी जेब का पैसा लगा-लगाकर पहाड़ों की गोद में अठखेलियां खेलने वाले ये पर्वतारोही अब राजनीति के टीलों में कुलांचे भरने बेताब हैं। पर्वतारोहण में इन दोनों का नाम प्रदेश के युवाओं ने बड़े आदर से लिया, लेकिन राजनैतिक पर्वतारोहण में ये कितना नाम कमा पाते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। 



    हरियाणा में विधानसभा चुनाव में उतरे थे पहलवान




    इससे पहले हरियाणा के विधानसभा चुनावों के दौरान राजनीति के अखाड़े में नामी पहलवान कूद पड़े थे। ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त और बबीता फोगाट ने बीजेपी का दामन थामा, योगेश्वर ने तो विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था। हालांकि अहीरयाणे की भुरभुरी मिट्टी के ये दोनों पहलवान राजनैतिक दंगल में पटखनी खाकर बैठ गए। बात मध्यप्रदेश की हो तो यहां पर्वतारोही अपनी रस्सियों और हुक के बंडल लेकर राजनीति की कंदराओं में कीलें ठोंकने प्रयासरत हैं। राजनैतिक दल इनकी प्रतिभा को कितना निचोड़ या भुना पाते हैं, यह आने वाला वक्त बताएगा। 




    बता दें मध्य प्रदेश के सतना जिले में रहने वाले रत्नेश पांडे ने साल 2016 में सबसे ऊंची चोंटी माउंट एवरेस्ट को फतह की थी। उन्होंने सबसे ऊंची चोंटी पर देश का झंडा फहरा दिया था। इसी तरह साल 2019 में राज्य की पहली महिला मेघा परमार ने भी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था। 


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