Katni, Rahul Upadhyay. मध्यप्रदेश के कटनी समेत पूरे विंध्य में फाइलेरिया रोग का प्रकोप देखा जाता है। जिसके चलते शासन की ओर से बच्चों को फाइलेरिया की दवा दिए जाने का अभियान जारी है। इसी क्रम में कटनी जिले के विजयराघवगढ़ तहसील क्षेत्र के ग्राम घुनौर एवं रजरवारा की दो सरकारी स्कूलों में बच्चो को फाइलेरिया की दवा का सेवन करवाया गया। दवा का सेवन करने के बाद लगभग 2 दर्जन बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी।अधिकांश बच्चों को चक्कर आने लगे और कुछ बच्चों को उल्टियां भी हुई।
इस घटना के सामने आने के बाद आनन फानन बच्चों को उपचार के लिए विजयराघवगढ़ हॉस्पिटल लाया गया। जिसमे से 3 बच्चों की हालत अधिक गंभीर देख कर उन्हें उपचार के लिए कटनी रेफर किया गया है। जिनका इलाज़ जिला अस्पताल में जारी है। बच्चों के परिजनों ने बताया की 19 बच्चों का उपचार विजयरावगढ़ हॉस्पिटल में जारी है। दवा लेते ही बच्चों को मतली आने लगी, कुछ बच्चों का चक्कर भी आए जिसके चलते उन्हें अस्पताल ले आए।
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उधर प्रशासन ने घटना को गंभीरता से लेते हुए उक्त बैच की दवा को बच्चों को दिए जाने पर रोक लगाई है। बीएमओ ने बताया कि कभी-कभार किसी दवा से बच्चों को उल्टी हो जाती है, इसमें दवा पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाया जा सकता। फिर भी एहतियात के तौर पर पूरी निगरानी रखी जाएगी। फिलहाल बच्चों का इलाज जारी है और उनकी स्थिति में सुधार आ रहा है।
क्या होता है फाइलेरिया
फाइलेरिया रोग मच्छरों से फैलने वाला रोग है, जिसके रोगियों के पैरों में सूजन आ जाती है। इस रोग को हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है। एक बार यह रोग हो जाए तो मरीज को ठीक होने में कई माह लग जाते हैं, वहीं कई सालों तक उसे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। इस गंभीर रोग की रोकथाम के लिए ही बच्चों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराया जा रहा है।