27 दिव्यांगजनों को मिली बैटरी चलित ट्राइसकिल ,मोटराइज्ड ट्राइसकिल पर बैठ झूम उठे

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Dev Shrimali
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27 दिव्यांगजनों को मिली बैटरी चलित ट्राइसकिल ,मोटराइज्ड ट्राइसकिल पर बैठ झूम उठे

ग्वालियर.   शारीरिक दिव्यांगता की वजह से चलने-फिरने में असमर्थ दिव्यांगजन को बैटरी से चलने वाली मोटराइज्ड ट्राइसकिल मिली तो वे खुशी से झूम उठे। उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  भारत सिंह कुशवाह ने दिव्यांगजनों को हैलमेट पहनाए, मिष्ठान का पैकेट सौंपा, पुष्पाहारों से स्वागत किया और उन्हें सम्मानपूर्वक मोटराइज्ड ट्राइसकिल पर बिठाकर रवाना किया। श्री कुशवाह ने अपनी विधायक निधि और सरकार के सामाजिक न्याय विभाग की योजना के संयोजन से 27 दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राइसकिल प्रदान कीं ।



हर गाड़ी की कीमत 42 हजार




हर मोटराइज्ड ट्राइसकिल 42 हजार रूपए कीमत की है।  80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता होने पर सरकार द्वारा बैटरी चलित ट्राइसकिल दिए जाने का प्रावधान है। राज्य मंत्री  कुशवाह ने मंगलवार को यहाँ 17-A गाँधी रोड़ स्थित अपने निवास कार्यालय परिसर से दिव्यांगजनों को बैटरी चलित ट्राइसकिल सौंपी।  राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कुशवाह ने इस अवसर पर कहा कि हर उदास चेहरे पर मुस्कान लाने के लिये प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। इसी भाव के साथ दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राइसकिल प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा दिव्यांगजन अपना रोजगार धंधा शुरू कर सकें। इसके लिये उन्हें प्रधानमंत्री स्व-निधि एवं मुख्यमंत्री पथ विक्रेता कल्याण योजना के तहत आर्थिक मदद भी प्रदान की जायेगी। साथ ही सरकार की अन्य योजनाओं के तहत भी उन्हें बड़ी आर्थिक गतिविधि शुरू करने के लिये भी ऋण-अनुदान मुहैया कराया जायेगा।




दिव्यांगजन बोले गाड़ी से हमारा हौसला बढ़ गया है



    बैटरी चलित मोटराइज्ड ट्राइसकिल पाकर दिव्यांगजनों का उत्साह और आत्मविश्वास देखते ही बन रहा था। पुरानी छावनी निवासी दिव्यांग  संजय प्रजापति का कहना था कि अब हम किसी पर निर्भर नहीं रहे। यह गाड़ी मिलने से हमारी जिंदगी सही मायने में पटरी पर आ गई है। ग्राम खेरियामोदी से आईं दिव्यांग महिला श्रीमती रूमा बाई को जब बैटरी चलित ट्राइसकिल मिली तो उनकी आँखें खुशी से भर आईं। वे बोलीं अभी तक हम घिसट-घिसट कर चलते थे। अब सरपट चलकर देवी माँ के दर्शन करने जायेंगे। ग्राम कुलैथ निवासी बाबा हकीम खाँ का कहना था कि मुझे इबादत को जाने के लिये किसी के कंधों के सहारे की जरूरत नहीं रहेगी। इसी प्रकार अन्य हितग्राहियों ने भी बैटरी चलित ट्राइसकिल मिलने की खुशियाँ बयां कीं।



इन्हें मिली हैं बैटरी चलित मोटराइज्ड ट्राइसकिल



    शहर के वार्ड-61 की बस्ती खेरियामोदी निवासी श्रीमती रूमा बाई, वार्ड-62 भटपुरा के प्रदीप कुमार  वार्ड-64 पुरानी छावनी के  संजय प्रजापति, वार्ड-65 की बस्ती चाँदमारी पहाड़ी की श्रीमती ममता कुशवाह, नयापुरा के  वीरेन्द्र कुशवाह व श्री अतर सिंह, छोटे बाबा की पहाड़ी श्री विनोद कुशवाह, गिरवाई के  सुरेश सिंह पाल व  रामकुमार आदिवासी, वार्ड-66 की बस्ती छौड़ा के निवासी  सुरेश प्रजापति तथा वार्ड-4 के तिकोनिया पार्क के समीप के निवासी  रमन बिहार पवैया, सिंहपुर रोड़ मुरार के  मुन्नालाल प्रजापति व सुश्री रूचि पाठक, घासमंडी मुरार के  प्रदीप सिंह राणा व ठाठीपुर के  नवीन आर्य को बैटरी चलित ट्राइसकिल दी गई है। इसी तरह ग्राम लाखापुरा निवासी  केशव सिंह, बंधौली के  पान सिंह मौर्य, हस्तिनापुर के  विनोद कुमार जाटव, सोनी के अनवर शाह, जखारा के  धान सिंह, फुसावली के  बारेलाल, चकमेहरोली के  रामनारायण, राई के  गजाधर राम, डबरा के  अशोक धानुक, कुलैथ के  हाकिम खाँ, झण्डा का पुरा के  वीरेन्द्र सिंह व ग्राम भयपुरा निवासी  शंकर सिंह कुशवाह को भी मोटराइज्ड ट्राइसकिल मिली है।


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