TRS कालेज में साढ़े 4 करोड़ का घोटाला, ईओडब्ल्यू ने की थी जांच, तीन पूर्व प्राचार्य सहित 19 के खिलाफ दर्ज हुआ था प्रकरण 

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Vivek Sharma
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TRS कालेज में साढ़े 4 करोड़ का घोटाला, ईओडब्ल्यू ने की थी जांच, तीन पूर्व प्राचार्य सहित 19 के खिलाफ दर्ज हुआ था प्रकरण 

राकेश मिश्रा, REWA.  विंध्य के सबसे पुराने ठाकुर रणमत सिंह स्वशासी महाविद्यालय में साढ़े चार करोड़ का घोटाला सामने आने के बाद ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की थी। दो वर्ष पूर्व ईओडब्ल्यू ने तीन पूर्व प्राचार्यो सहित 19 लोगों के खिलाफ प्रकरण कायम किया था। दो वर्ष तक चली जांच के बाद पूर्व प्राचार्यो का चालान विशेष न्यायालय पीसी एक्ट न्यायालय में शुक्रवार को प्रस्तुत किया गया। पूर्व प्राचार्यो द्वारा जमानत आवेदन लगाया गया था जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया। लिहाजा तीनों पूर्व प्राचार्यो को मेडिकल के बाद केन्द्रीय जेल भेज दिया गया। इसके बाद शिक्षा जगत में खलबली मच गई है। 



उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन आदि के खर्चो में घोटाला



मानदेय भत्ता, पारिश्रमिक प्रश्नपत्र बनाने, उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन आदि खर्चो में घोटाला करने का आरोप लगाया गया था। ईओडब्ल्यू ने प्रारंभिक जांच के बाद तीन पूर्व प्राचार्य सहित 19 लोगों के खिलाफ प्रकरण कायम किया था और कालेज में छापा मारकर आर्थिक घोटाले से जुड़े दस्तावेज भी खंगाल कर जब्त किये। दिसम्बर 2020 में यह कार्रवाई की गई थी। तत्कालीन प्राचार्य डा. रामलला शुक्ला, डा. एस.यू खान एवं डा. सतेन्द्र शर्मा सहित 19 लोगों पर आर्थिक अनियमितता के आरोप के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) बी एवं 13 (2) के साथ आईपीसी की धारा 409, 420 एवं 120 बी के तहत एफआईआर नवम्बर 2020 में दर्ज की गई थी। अपने कार्यकाल के दौरान तीनों तत्कालीन प्राचार्यो ने अनियमितता की थी। तत्कालीन प्राचार्यो द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान लाखों रूपये की अनियमितता की गई थी। 



दो वर्ष तक चली जांच



लगभग साढ़े 4 करोड़ के घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू ने दो वर्ष तक की। जांच के उपरांत तीनों तत्कालीन प्राचार्यो के खिलाफ विशेष न्यायालय पीसी एक्ट न्यायालय में शुक्रवार को चालान प्रस्तुत किया। जहां पर दोनों पक्षों ने अपने पक्ष रखे, तीनों पूर्व प्राचार्यो द्वारा जमानत अर्जी लगाई गई थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया। जिसके बाद तीनों को मेडिकल कराकर केन्द्रीय जेल भेज दिया गया. बता दें कि डा. एसयू खान एवं डा. सतेन्द्र शर्मा सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि डा. रामलला शुक्ला अभी सेवानिवृत्त नहीं हुए हैं। 



तत्कालीन कलेक्टर ने कराई थी घोटाले की जांच 



टीआरएस कॉलेज में आर्थिक अनियमितता की जानकारी सामने आने पर तत्कालीन कलेक्टर डा. इलैया राजा टी ने जांच टीम गठित की थी। जांच दल ने पाया कि व्यापक अनियमितता हुई है। नियम विरूद्ध तरीके से भुगतान किए गए हैं। बताया जा रहा है कि मानदेय, यात्रा भत्ता, पारिश्रमिक आदि में घोटाला किया गया है। कलेक्टर द्वारा टीम गठित कर कराई गई जांच में पूर्व प्राचार्य दोषी पाये गये थे। जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी और उसके बाद ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज कर कालेज पहुंचकर दस्तावेज जप्त किये थे और दो वर्ष तक जांच की।

 


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