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New Delhi. 9 राज्यों में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और लोकसभा चुनाव 2024 में होगा। उससे पहले मोदी सरकार ने चुनाव का एजेंडा तय कर दिया है। आयकर भरने वालों के लिए सरकार ने बड़ी राहत देने के साथ ही पीएम आवास योजना का भी बजट बढ़ा दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में ऐलान किया है कि पुराने टैक्स सिस्टम के साथ-साथ अब नया टैक्स सिस्टम लागू होगा। नए सिस्टम के तहत 7 लाख तक की आय में टैक्स नहीं देना पड़ेगा वहीं करदाता के पास पुराने टैक्स सिस्टम का भी विकल्प मौजूद रहेगा। इससे यह होगा कि देश में जो 8 करोड़ लोग टैक्स दे रहे हैं उन्हें करीब 33 हजार की बचत होने जा रही है। लोगों के हाथ में पैसा रहेगा तो खर्च भी बढ़ेगा, वहीं पीएम आवास योजना का बजट बढ़ाने से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
ऐसे समझिये
देश में 8 करोड़ लोग टैक्स देते हैं, वहीं जिन राज्यों में चुनाव होना है, वहां इनकी संख्या 1 करोड़ 33 लाख के आसपास है। जिस प्रकार से टैक्स घटाया है उस हिसाब से अधिकतम 33800 रुपये तक करदाताओं को फायदा होने जा रहा है। जाहिर बात है इसका फायदा सीधे तौर न सिर्फ टैक्स देने वालों को होगा बल्कि हाथ में पैसा बढ़ेगा तो लोग ज्यादा खर्च भी करेंगे। नतीजा ये होगा कि अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे।
एक तरफ तो महंगाई बढ़ी है ऊपर से सरकारी कर्मचारियों को दिया जाने वाला डीए भी बढ़ा है। इसलिए माना जा रहा था कि सरकार टैक्स स्लैब में फेरबदल तो करेगी ही। वैसे भी यह मोदी सरकार 2.0 का आखिरी मुख्य बजट है। चुनाव से पहले टैक्स में छूट हाल ही के दिनों में मोदी सरकार का अब तक सबसे बड़ा फैसला है जिससे लोगों को सीधा फायदा मिलने जा रहा है। इसके साथ ही साल 2015 में शुरू की गई पीएम आवास योजना पर मोदी सरकार ने बजट बढ़ाया है। इस योजना ने बीते लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी, वहीं इसके जरिए आम मजदूरों को ज्यादा काम तो मिलेगा ही, लोहा-सीमेंट और अन्य उत्पादों के उद्योगों को भी प्रोडक्शन बढ़ाना पड़ेगा। जिससे अर्थव्यवस्था को अपने आप गति मिल जाएगी।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के ऐलान के मुताबिक पीएम आवास योजना में पिछले बजट की तुलना में 66 फीसदी ज्यादा फायदा हुआ है।साल 2022-23 में इस योजना में 48 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था वहीं इस बार के बजट में 79 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। पीएम आवास योजना प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है, सरकार की ओर से मिले आकंड़ों के मुताबिक अब तक 2.95 करोड़ लोगों को इस योजना के तहत घर देने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 2.49 करोड़ लोगों को इसका फायदा पहुंचाया जा चुका है। इसके साथ ही दिसंबर 2022 में 2.10 करोड़ घर तैयार किए जा चुके हैं।
इस योजना का ही असर था जिसकी वजह से महिलाओं ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जमकर वोट दिया था. कुल मिलाकर जो माना जा रहा था वही हुआ। क्योंकि पहली बार कोई सरकार गरीबों को पक्का मकान बनाकर देने जा रही थी। मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव का एजेंडा आर्थिक मोर्चे पर तो बजट के जरिए सेट कर दिया है। बता दें कि इस साल मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, कर्नाटक, मिजोरम, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके बाद लोकसभा चुनाव मार्च 2024 में होगा।
हालांकि मोदी सरकार के इस बजट से विपक्ष के नेता खुश नहीं है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि किसानों, जवानों और नौजवानों के लिए इस बजट में नहीं है कोई प्रावधान, अमृतकाल में अमृत के लिए तरस रहा है आम इंसान, पूंजीपतियों के लिए लूट हुई आसान। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपाई बजट महंगाई एवं बेरोज़गारी दोनों को और बढ़ाता है। अखिलेश ने ट्वीट किया-’भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है, पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी।’ बीएसपी नेता मायावती ने कहा कि केन्द्र सरकार जब भी योजना लाभार्थियों के आँकड़ों की बात करे तो उसे यह जरूर याद रखना चाहिए कि भारत लगभग 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, वंचितों, किसानों आदि का विशाल देश है जो अपने अमृतकाल को तरस रहे हैं.