राजधानी में 2 टन वजनी कढ़ाई में पकना शुरू हुई 3700 किग्रा खिचड़ी, 104 लीटर तेल में लगा 14 किलो मसाले का तड़का, रिकॉर्ड होगा दर्ज

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Neha Thakur
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राजधानी में 2 टन वजनी कढ़ाई में पकना शुरू हुई 3700 किग्रा खिचड़ी, 104 लीटर तेल में लगा 14 किलो मसाले का तड़का, रिकॉर्ड होगा दर्ज

BHOPAL. राजधानी भोपाल में विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए गुरुवार सुबह 10 बजे से 3700 किग्रा खिचड़ी 2 टन वजनी लोहे की कढ़ाई में पक रही है। इस खिचड़ी को बनाने के लिए 104 लीटर तेल में 14 किलो मसाले का तड़का लगाया गया है। आयोजकों द्वारा शाम 4 बजे तक खिचड़ी बन जाने की बात कही गई है। विश्व रिकार्ड पर नाम दर्ज कराने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी रजिस्ट्रेशन किया गया है। करीब दो दर्जन लोग इस खिचड़ी को बना रहे हैं, जिसकी पूरी रिकॉर्डिंग कराई जा रही है। गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से भी खिचड़ी बनाने की पूरी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग की जा रही है। शाम को यह खिचड़ी 15 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं को बांटी जाएगी। अवधपुरी के आधारशिला स्थित श्रीसांई मंदिर में संस्थापक रमेशकुमार महाजन खिचड़ी बनाने का आयोजन कर रहे हैं। इसे बनाने में 3 क्विंटल 80 किलो सब्जी का उपयोग हो रहा है, वहीं 350 किलो चावल, 60 किलो दालों का भी इस्तेमाल किया गया है।



रिटायरमेंट पर लिया खिचड़ी बनाने का संकल्प



अवधपुरी के आधारशिला स्थित श्रीसांई मंदिर के संस्थापक रमेश कुमार महाजन ने भेल में 37 साल तक सेवा दी। इसके बाद वे 24 अप्रैल को टेक्नीशियन ग्रेड-1 पद से रिटायर्ड हुए हैं। इस दौरान भी उन्होंने 3700 किलो खिचड़ी बनाने का संकल्प लिया था। यही कारण है कि पिछले साल नवंबर में ही गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए उन्होंने रजिस्ट्रेशन करा दिया था। रमेशकुमार महाजन ने बताया कि सबसे ज्यादा खिचड़ी पकाने का रिकॉर्ड अभी शिमला के मंडी जिले के नाम है, यहां जनवरी 2020 में 1995 किलो खिचड़ी बनाई गई थी। हम इससे दोगुनी मात्रा में खिचड़ी बना रहे हैं।



रात से शुरू हुई तैयारी 



बुधवार की रात से ही खिचड़ी पकाने को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी थी। गुरुवार की सुबह सारी तैयारी कर ली गई। इसके बाद खिचड़ी पकाने का काम शुरू कर दिया है, खिचड़ी पकाने से लेकर वितरित करने की पूरी प्रोसेस एक्सपर्ट की टीम की देखरेख में होगी। इसके लिए सिविल इंजीनियर, मैकेनिकल इंजीनियर और गजेटेड ऑफिसर को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं वीडियो रिकॉर्डिंग भी जा रही है। यह रिकॉर्डिंग गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड को भेजी जाएगी।



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हर साल होता है भंडारे का आयोजन



रमेशकुमार महाजन श्रीसांई मंदिर के व्यवस्थापक भी हैं। उन्होंने ही 11 अक्टूबर 2008 को मंदिर की स्थापना की थी। हर साल इसी दिन खिचड़ी के भंडारे का आयोजन होता है। जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। वहीं, प्रत्येक गुरुवार को भी खिचड़ी का वितरण होता है। मंदिर में भंडारे के लिए विशेष तौर पर बड़ी कढ़ाई बनवाई गई है। जिसका वजन 2 टन 40 किलो यानि दो हजार 40 किलो है। इस कढ़ाई की क्षमता 12 हजार 500 लीटर की है। यह भोपाल के गोविंदपुरा इंडस्ट्यिल एरिया में विशेष तौर पर बनवाई गई है।



खिचड़ी बनाने में किए गए सामग्री का उपयोग



सब्जी    वजन



आलू    65 किलो



कद्दू    65 किलो



गोभी    65 किलो



पत्ता गोभी    65 किलो



गाजर    25 किलो



बरबटी    50 किलो



हरी मिर्च    4 किलो



अदरक    4 किलो



हरा धनिया  7 किलो



टमाटर    30 किलो



चावल    350 किलो



हरी मूंग    60 किलो



तुअर दाल    40 किलो



चना दाल    20 किलो



मटर    40 किलो



मूंगफली दाना    15 किलो



तेल    104 लीटर



मखाना    3 किलो



हल्दी    3.5 किलो



धनिया    3 किलो



हींग    300 ग्राम



जीरा    3 किलो



कश्मीरी मिर्च    1.3 किलो


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