खंडवा. यहां के लंगोटी गांव में सामान्य पीलिया (Jaundice) और निमोनिया (Pneumonia) से पीड़ित 4 बच्चों की मौत हो गई। बच्चे करीब महीनेभर से गले में सूजन और तेज बुखार से जूझ रहे थे। दो बच्चों की तो घर पर ही मौत हो गई, जबकि दो बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जिला अस्पताल से भी राहत नहीं मिल पा रही थी। प्रशासन (Administration) रहवासियों पर सही समय पर इलाज न करवाने की बजाय झाड़-फूंक करवाने का आरोप लगा रहा है, वहीं रहवासी प्रशासन की लापरवाही को इसका कारण बता रहे हैं।
अनदेखी करता प्रशासन
ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों के बीमार होने पर जब उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया जाता है तो वह खंडवा की पर्ची दे देते हैं। खंडवा (Khandwa) जिला अस्पताल गांव से 60 किमी दूर है, एक सामान्य मजदूर का वहां बार-बार आना जाना मुश्किल का सफर हो जाता है। यदि ग्रामीण वहां पहुंच भी जाएं तो डॉक्टर उन्हें मामूली दवा देकर भेज देते हैं, दवा तो मुफ्त मिल जाता है लेकिन आराम नहीं मिल पाता। बच्चों की हालात गंभीर होने पर प्राइवेट अस्पताल (Private hospital) में भी भर्ती करवाया गया लेकिन देर होने के कारण जान नहीं बच पाई।
सालों पहले भी 11 बच्चों की गई थी जान
ग्रामीणों ने बताया कि तकरीबन 25 साल पहले भी डाबिया गांव में 11 बच्चों की मौत हुई थी। उस समय मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह खुद डाबिया आए थे। इस समस्या के बारे में अन्न उत्सव के दौरान जनप्रतिनिधि को बताया भी गया और स्वास्थ्य टीम भेजने का आग्रह किया, लेकिन अब तक कोई नहीं आया।