इंदौर. शहर में 30 नवंबर को 42वां ग्रीन कॉरिडोर (Green Corridor) बनने जा रहा है। शाम साढ़े चार बजे के लगभग बॉम्बे अस्पताल (Bombay Hospital) से हार्ट मुंबई के रिलायंस अस्पताल (Reliance Hospital) भेजा जाएगा, जबकि किडनी (Kidney) शाम साढ़े 5 बजे इंदौर (Indore) के ही शैल्बी अस्पताल (Shelby Hospital) व लिवर चोइथराम अस्पताल (Choithram Hospital) भेजा जाएगा। 28 नवंबर को बागली जिले के उदयपुर में 41 वर्षीय खुमसिंह सोलंकी का रोड एक्सीडेंट हो गया था। बॉम्बे अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने ब्रेन डेथ होना बताया। इसके बाद परिवार ने पीड़ित के अंग जरूरतमंदों को देने का फैसला किया। मुस्कान ग्रुप के जीतू बगानी और संदीपन आर्य ने बताया कि परिवार की सहमति से उनके अंग दान किए जा रहे हैं। खुमसिंह की दो बेटियां व एक बेटा है।
अंग कहां भेजे जाएंगे
हार्ट मुंबई भेजा जा रहा है। इसके लिए मुंबई से रिलायंस अस्पताल के डॉ. संदीप सिन्हा टीम लेकर आए हैं। शाम 4.55 मिनट पर फ्लाइट द्वारा हार्ट भेजा जाएगा। इसके लिए शाम 4.30 बजे के लगभग ग्रीन कॉरिडोर बनेगा। साथ ही खुमसिंह का लिवर शहर के चोइथराम अस्पताल, एक किडनी शैल्बी अस्पताल भेजी जाएगी। एक किडनी बॉम्बे अस्पताल में ही रहेगी।
इससे पहले शहर में 41 ग्रीन कॉरिडोर बन चुके हैं और कई लोगों को अंगदान द्वारा नया जीवन भी मिल चुका है। हर बार सफल प्रयास हुए हैं। बेहतर समन्वय के कारण ग्रीन कॉरिडोर में तय समय पर मरीजों को उचित चिकित्सा सुविधा मिली है। प्रशासन और आम जनता का बेहतर सामंजस्य रहा है।
41वां ग्रीन कारिडोर
इंदौर शहर में तीन दिन में दूसरी बार ग्रीन कारिडोर बना था। 20 सितंबर को पार्श्वनाथ नगर में रहने वाली 37 वर्षीय नेहा चौधरी की ब्रेनडेथ के बाद रविवार दोपहर 1.29 बजे उनकी किडनी और लिवर के ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू हुई थी। चोइथराम अस्पताल से सात मिनट में एक किडनी सीएचएल अस्पताल और दूसरी किडनी नौ मिनट में बांबे अस्पताल तक पहुंचाई गई थी। लिवर चोइथराम अस्पताल में ही भर्ती मरीज को प्रत्यारोपित किया गया था। यह 41वां ग्रीन कारिडोर था। एक सप्ताह पहले ब्रेन हेमरेज के कारण नेहा को अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनकी न्यूरो सर्जरी भी हुई लेकिन हार्ट अटैक के कारण ब्रेनडेथ हो गई।
पति पंकज चौधरी के मुताबिक, नेहा को बहुत पहले से हृदय के वाल्व में समस्या थी। 12 सितंबर को नेहा सिरदर्द के बाद बेहोश हो गई थी। उसे अस्पताल लाए तो डाक्टरों ने ब्रेन हेमरेज होना बताया। नेहा ने मुझसे कई बार कहा था कि शहर में इतने लोगों के अंगदान होते हैं। मेरा निधन हो जाए, तो अंगदान कर देना। उसकी इच्छा को ध्यान रखते हुए किडनी और लिवर दान करने का निर्णय लिया गया।
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