दमोह में पाकिस्तान से 45 वैष्णव संप्रदाय के लोग पहुंचे, बद्रीनाथ के पट बंद होने का है मलाल, सोशल मीडिया ले आया दमोह

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Rajeev Upadhyay
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दमोह में पाकिस्तान से 45 वैष्णव संप्रदाय के लोग पहुंचे, बद्रीनाथ के पट बंद होने का है मलाल, सोशल मीडिया ले आया दमोह

Damoh. पाकिस्तान के कराची से भारत आए 45  लोगों का समूह दमोह पहुंचा है और यहां सवा लाख मानस पाठ  में ठहरा है। इन्होंने बताया की वह किस तरह पाकिस्तान में रहते है उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता की भी बात बताई। कराची में ब्रह्म नारद  माधव गोटिया वैष्णव संप्रदाय के महंत कृष्णा किशोर दास ने बताया कि हम भारत  घूमने के लिए नहीं आए, क्योंकि घूमने के लिए तो पाकिस्तान में भी बहुत अच्छे स्थान हैं। हम तो यहां तीर्थ यात्रा पर आए हैं, ताकि वृंदावन, हरिद्वार, गयाजी और कई धार्मिक स्थल के दर्शन कर सकें।



सवा लाख मानस पाठ आने की थी इच्छा



45 लोगों के जत्थे का दमोह आना कोई अनायास नहीं है। उन्होंने सोशल मीडिया पर देखा कि दमोह में एक ऐसा स्थान जहां पर सवा लाख बार रामचरितमानस का पाठ किया गया है। उनके मन में इच्छा हुई कि ऐसे सिद्ध स्थान पर जरूर जाना चाहिए, इसलिए उन्होंने यहां के संत श्रीभगवान से संपर्क किया और यहां आ गए। 2 दिनों से यहां पर हैं। इस स्थान की पवित्रता और इसकी उर्जा अपने आप उन्हें महसूस हो रही है।



बद्रीनाथ के करने थे दर्शन



उन्होंने बताया कि हम लोग चाह रहे थे कि भगवान बद्रीनाथ जी के दर्शन हो जाए, लेकिन जब तक वीजा मिला वहां के पट बंद हो गये जिसका दुख भी रहेगा कि भगवान बद्रीनाथ के दर्शन नहीं हो पाए। फिर मकर संक्रांति आ गई तो धार्मिक मान्यता है कि गंगा नदी और दूसरी नदियों में स्नान करने का काफी पुण्य मिलता है, इसलिए उन्होंने हरिद्वार में गंगा स्नान किया। उसके बाद जब वह पाकिस्तान से रवाना हो रहे थे तो उनके धर्म के लोगों को पता चला कि गयाजी में अपने पूर्वजों का तर्पण किया जाता है, इसलिए कई लोगों ने भेंट दी जिन्हें वो ग्याजी ले गए। 



वृंदावन और पुरी के करेंगे दर्शन




उन्होंने अपनी शुरुआत अमृतसर में दुर्गाना मंदिर, श्री रामतीरथ से की। गोल्डन टेंपल भी जाना था, लेकिन समय अभाव के कारण नहीं जा पाए अभी  हरिद्वार में दर्शन किए हैं और अब वृंदावन और जगन्नाथ स्वामी के दर्शन करने जाएंगे।



25 दिन का मिला वीजा




वैष्णव संप्रदाय से जुड़े 45 लोग भारत यात्रा पर आए हैं इन्होंने कहा की सभी को 13 जनवरी से 25 दिनों तक का वीजा मिला है। इन 25 दिन में हम जितने भी तीर्थ यात्रा कर पाएंगे वह हमारे लिए बेहतर होगा। समय सीमा में ही हमें अपनी यात्रा पूरी करनी है।




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  • जैसे कीचड़ में कमल, वैसे हम वैष्णव



    कृष्णा किशोर दास ने बताया कि वैष्णव पंथ संप्रदाय ठीक वैसे ही है जैसे कीचड़ में कमल खिलकर कीचड़ की शोभा बढ़ा देता है, वैसे ही वैष्णो रूपी भक्त पाप जैसी कीचड़ को समाप्त कर देता है। वैष्णव को पतित पावन कहा गया है, जो देश, जाति का काल, संप्रदाय किसी भी चीज में भेदभाव नहीं करते। आज के युग में जिस तरह से पाप बढ़ रहे हैं, उन पापों के नाश के लिए भगवान के प्रति भक्ति का प्रमुख केंद्र वैष्णव ही है। वैष्णो हर किसी में भगवान देखते हैं।



    हमें पूरी धार्मिक स्वतंत्रता



    हम पाकिस्तान में कुशल हैं, बहुत खुश हैं। हमें अपने त्यौहार मनाने की पूरी आजादी है। होली हो, दिवाली हो बहुत ही अच्छा माहौल होता है। भारत की तरह इन त्योहारों पर पाकिस्तान में भी उत्सव देखने मिलता है। वहां मुस्लिम भी उनके त्योहारों में साथ खड़े रहते हैं। खास तौर पर नवरात्रि में कराची में भारी धूमधाम होती है। कोई रोक नहीं है। 2009 से कराची में जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा निकाली जा रही है। 2022 में इस यात्रा को पूरे 13 साल हो गए। पाकिस्तान में बहुत महंगाई हो गई है। भगवान से प्रार्थना भी है कि जल्दी ही कुछ अच्छा हो जाए, लेकिन जैसे दृश्य दिखाये जा रहे हैं वैसे लूटमार नहीं है। महंगाई है, यह सच है, इसे बोलने में उन्हें कोई परहेज नहीं, क्योंकि जो सच है उसे बोला जा सकता है। 


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