Jabalpur. खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान की कटाई दीपावली के बाद शुरू हो जाएगी। क्वार महीने की सख्त तेज धूप से धान की बालियां चटकने लगी हैं। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में वृहद स्तर पर समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी होना है। धान खरीदी में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसके लिए प्रशासन हर साल किसानों से धान खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन कराता है और फर्जी रजिस्ट्रेशन के बाद कोई दूसरे प्रदेश की धान लाकर न बेच पाए इसके लिए रजिस्ट्रेशन का सत्यापन भी कराया जाता है। इस बार अब तक अकेले जबलपुर में 47 हजार किसानों ने पंजीयन करा लिया है। जिसके सत्यापन का कार्य जारी है।
सोमवार दोपहर तक कराए जा चुके 47 हजार रजिस्ट्रेशन में कुल रकबा 1 लाख 12 हजार हेक्टेयर दर्ज हुआ है। शासन ने पंजीयन की अंतिम तिथि 21 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। ताकि जो किसान अब तक किन्हीं कारणों से पंजीयन न करा पाए हों तो करा लें। बता दें कि बीते साल 50 हजार किसानों ने धान खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था।
बड़े रकबे का सत्यापन जरूरी
दरअसल समर्थन मूल्य पर धान बेचने के दौरान यह देखने में आ चुका है कि कई दलाल सेटिंग के जरिए दूसरे प्रदेशों से धान लाकर प्रदेश में बेच देते हैं। ऐसा इसलिए कि प्रदेश में धान का समर्थन मूल्य अन्य राज्यों से ज्यादा है। उस पर मिलने वाला बोनस अतिरिक्त होता है। इसलिए छोटे किसानों को छोड़कर ऐसे किसान जिनका रकबा 4 हेक्टेयर यानि करीब 10 एकड़ से ज्यादा होता है उनका सत्यापन कराया जाता है। यह देखा जाता है कि रकबे में धान की फसल ली भी गई है या नहीं। इसके अलावा सिकमी, बंटाइदार किसानों, मंदिर ट्रस्ट की जमीन के रजिस्ट्रेशन का भी सत्यापन जरूरी होता है।
जिला सूचना विज्ञान अधिकारी आशीष शुक्ला ने बताया कि धान के पंजीयन की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर से बढ़ाकर 21 अक्टूबर कर दी गई है। ऐसे धान उत्पादक किसान जिन्होंने अब तक पंजीयन न कराया हो वे पंजीयन करा सकते हैं। इसी के साथ पंजीयन के सत्यापन का कार्य भी शुरू कराया जा रहा है।