गणेश दुनगे, BURHANPUR. बुरहानपुर में लंपी वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है। जिले में 489 गौवंश लंपी वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। राहत कि बात है कि 453 गौवंश टीका लगाने के बाद ठीक हो चुके हैं। लंपी वायरस से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने गुजरात से टीके मंगाए हैं। सभी गौवंशों को टीके लगाने का काम भी शुरू हो चुका है।
लंपी वायरस से गायों को खतरा, दूध के व्यापार पर असर
लंपी वायरस गौवंशों पर कहर बनकर टूट रहा है। गायें तेजी से इसकी चपेट में आ रही हैं। गौवंश के शरीर पर गठान होती है उसके बाद गठान फोड़े में बदल जाती है। फोड़ा फूटने के बाद उसमें से खून बहने लगता है और फिर गाय की मौत हो जाती है। लंपी वायरस का असर दूध के व्यापार पर भी पड़ा है। लोग गायों का दूध नहीं खरीद रहे हैं। लंपी वायरस से कई दुधारू गायों की भी मौत हुई है।
489 संक्रमित, 453 टीका लगाने के बाद ठीक
पशुपालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में 489 गौवंश लंपी वायरस से संक्रमित थे जिसमें से 453 टीकाकरण के बाद ठीक हो गए। जिला प्रशासन ने संक्रमण को देखते हुए गोट पॉक्स टीका गुजरात से बुलाया है। अभी मवेशियों को 3 हजार टीके लग चुके हैं। जिला प्रशासन ने लंपी वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। कोई भी गौपालक मवेशी में लंपी के लक्षण दिखने पर संपर्क करके जानकारी दे सकता है।
मौत के आंकड़ों में फर्क
पशुपालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बुरहानपुर में अब तक लंपी वायरस से 8 गौवंशों की मौत हो चुकी है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ लोनी गांव में ही 15 गौवंशों की मौत हुई है। पशुपालन विभाग के डॉ. हीरा सिंह भंवर ने कहा कि इस संक्रमण का खतरा 4 गांवों में सबसे ज्यादा है जिसमें बहादरपुर, लोनी, झिरी और बंभाडा में इसका असर ज्यादा देखने को मिला है।